नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में 41वें संस्करण में कई मुद्दों पर बात की। पीएम ने विज्ञान दिवस, महिला दिवस और होली को लेकर कई अनुभव साझा किए। पीएम मोदी ने बताया कि देश भर के कई लोगों ने विज्ञान को लेकर उनसे सवाल पूछे हैं।
साथ ही पीएम मोदी ने बताया कि ऐलिफेंटा द्वीप के 3 गांवों में आजादी के 70 साल बाद बिजली पहुंची है। पीएम मोदी ने इस दौरान देशवासियों को होली की शुभकामनाएं भी दीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ के 41वें संस्करण की शुरुआत विज्ञान दिवस से की। इस दौरान उन्होंने भारत रत्न सर सीवी रमन को भी याद किया। उन्होंने कहा, ‘इस देश ने विज्ञान के क्षेत्र में कई महान वैज्ञानिकों को जन्म दिया है।
एक तरफ महान गणितज्ञ बोधायन, भास्कर, ब्रह्मगुप्त और आर्यभट्ट की परंपरा रही है, वहीं चिकित्सा के क्षेत्र में सुश्रुत और चरक हमारे गौरव हैं। सर जगदीश चंद्र बोस और हरगोविंद खुराना से लेकर सत्येंद्र नाथ बोस जैसे वैज्ञानिक भारत के गौरव हैं।’
पीएम ने कहा, ‘क्या हमने कभी सोचा है कि नदी हो या समुद्र हो, इसमें पानी का रंग रंगीन क्यों हो जाता है? यही प्रश्न 1920 के दशक में एक युवक के मन में आया था। इसी प्रश्न ने भारत के एक महान वैज्ञानिक को जन्म दिया।’
मोदी ने कहा, ‘आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के माध्यम से रोबोट्स, बोट्स और स्पेसिफिक टास्क करने वाली मशीनें बनाने में मदद मिलती है। आजकल मशीनें सेल्फ लर्निंग से अपने आप के इंटेलिजेंस को और स्मार्ट बनाती जाती हैं। क्या आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल दिव्यांगों के जीवन को और बेहतर बनाने में किया जा सकता है।’
पीएम ने कहा, ‘4 मार्च को नैशनल सेफ्टी डे है। सुरक्षा से ना करो मस्ती, जिंदगी होगी सुरक्षित। गलती ना करने पर दुर्घटना कम हो सकती हैं। ज्यादातर दुर्घटनाएं गलतियों के कारण ही होती है।’
पीएम मोदी ने NDMA की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि प्राकृतिक आपादा से लड़ने के लिए NDMA हमेशा तैयार है। NDMA लोगों को ट्रेनिंग दे रहा है। आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहा है। थॉमस एडिसन ने अपनी असफताओं को अपनी शक्ति बनाया।
पीएम ने कहा, ‘पशुओं के अपशिष्ट के इस्तेमाल की योजना को गोबरधन योजना नाम मिला। गोबर और कचरे को आय का स्त्रोत भी बनाएं। किसानों को गोबर की ब्रिक्री का सही दाम मिलेगा। गोबरधन योजना के ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म बनेगा।’
पीएम ने बताया, ‘रायपुर में पहले कचरा महोत्सव का आयोजन किया गया। कचरा प्रबंधन को ध्यान में रखकर कचरा महोत्सव का आयोजन किया गया था। स्वच्छता की थीम के ऊपर कई जिलों में महोत्सव का आयोजन किया गया था। महोत्सव का मकसद कचरे का सही ढंग से इस्तेमाल करना था।’
नारियों ने खुद को आत्मनिर्भर बनाया
विश्व महिला दिवस से पहले पीएम मोदी ने कहा, ‘ महिलाओं ने अपने आत्मबल से खुद को आत्मनिर्भर बनाया। पहले पुरुषों की पहचान नारियों से होती थी। नारी का समग्र विकास, सशक्त नारी ही न्यू इंडिया है। आर्थिक समाजिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी हम सबकी जिम्मेदारी। 15 लाख महिलाओं ने एक महीने का स्वचछ्ता अभियान चलाया।’