बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए अंपायर समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) को हरी झंडी प्रदान कर दी है। डीआरएस का आईपीएल में पहली बार प्रयोग होगा।
बीसीसीआई वर्षों तक इस प्रणाली का विरोध करता रहा है, लेकिन अब उसने इसे अपनी महत्वपूर्ण लीग में उपयोग में लाने का फैसला किया। रेफरल सिस्टम के चलते बीसीसीआई इसका विरोध करता रहा, लेकिन 2016 के इंग्लैंड दौरे के समय से उसने अपने रूख में लचीलापन अपनाया।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार बोर्ड अब आईपीएल के 11वें संस्करण में डीआरएस का उपयोग करने पर राजी हो गया है। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, बोर्ड काफी समय से डीआरएस का उपयोग करने का इच्छुक था, लेकिन अब उसे लगता है कि इसका आईपीएल में उपयोग किया जा सकता है। वैसे भी भारत के अंतरराष्ट्रीय मैचों में पिछले डेढ साल से इसका उपयोग किया जा रहा है।
बीसीसीआई ने आईपीएल के डीआरएस के उपयोग के मद्देनजर ही विशाखापत्तनम में देश के 10 घरेलू अंपायरों के लिए डीआरएस की कार्यशाला आयोजित की थी। आईसीसी के अंपायर्स कोच डेनिस बर्न्स और ऑस्ट्रेलियाई अंपायर पॉल राइफल ने इस तकनीक के बारे में भारतीय अंपायर्स को जानकारी दी थी। ये 10 अंपायर अब आईपीएल में अंपायरिंग करेंगे।