विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिया सड़क हादसे में बाल-बाल बच गए हैं। उनकी स्कॉर्पियो एक ट्रक में भिड़ने से बाल बाल बच गई। घटना के बाद तोगड़िया ने कहा कि उन्हें मारने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि मुझे जेड-प्लस सुरक्षा होने के बावजूद पुलिस ने मुझे एस्कॉर्ट टीम नहीं दी है। तोगड़िया ने कहा कि उन्होंने पुलिस को पहले ही अपने आंदोलन के बारे में सूचित कर दिया था।
उन्होंने कहा कि वह अपनी सुरक्षा में लापरवाही के बारे में राज्य सरकार से शिकायत करेंगे। उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए चिंता व्यक्त की है। घटना सूरत के पास की है।
पहले बोले थे मेरा एनकाउंटर करने की हुई थी साजिश
बता दें कि विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया कुछ दिन पहले अचानक से गायब हो गए थे। होश में आने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं हिंदू एकता की कोशिश में लगा हुआ हूं, लेकिन मेरी आवाज को दबाने की कोशिश हो रही थी।
केंद्र की खुफिया एजेंसियां लोगों को डरा रही हैं। पुराने केस निकालकर IB से लोगों को डराया जा रहा है।
तोगड़िया ने कहा था कि वो परसों मुंबई के कार्यक्रम में थे। सुबह जब वो पूजा पाठ कर रहे थे तभी एक व्यक्ति उनके कमरे में आया और बोला कि तुरंत कार्यालय छोड़ दो, आपका एनकाउंटर करने के लिए लोग निकले हैं।
तोगड़िया ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखा। उनके खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं जिनकी जानकारी उनके पास नहीं हैं। 20-20 साल के केस निकलवाकर एक जेल से दूसरी जेल भेजने का क्रम गुजरात से शुरू हुआ था।
तोगड़िया ने यह भी कहा था कि उनकी आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन वह हिंदुओं के लिए लगातार काम करते रहेंगे। राम मंदिर, स्वास्थ्य, शिक्षा की आवाज उठाते रहेंगे।
उन्होंने कहा था कि उनसे कहा गया कि वो कोर्ट के सामने आ जाएं, अगर वो राजस्थान पुलिस की पकड़ में आ जाते तो उनके खिलाफ लंबे समय से किया जा रहा षड्यंत्र सफल हो जाता।
उन्होंने बताया था कि लोगों को उनकी स्थिति का पता न लग सके इसलिए उन्होंने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। उनकी जानकारी में उनके खिलाफ राजस्थान में कोई केस नहीं था। बाद में पता चला कि वे मुझे अरेस्ट करने आए हैं।
तोगड़िया ने कहा था कि उन्होंने कोई अनैतिक काम नहीं किया है। वो कानून का पालन करेंगे। उनका जीवन रहे या न रहे, लेकिन वो राम मंदिर. गोरक्षा के लिए अकेला लड़ते रहेंगे।