अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई के एक दिन बाद ही मामले में बड़ा मोड़ आया है। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से गुरुवार को बड़ा ऐलान किया गया है। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के विवादित स्थल पर मस्जिद बनाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने वसीम रिजवी के प्रस्ताव को नामजूंर कर दिया है।
शिया बोर्ड का कहना है कि मस्जिद की जगह मस्जिद ही बननी चाहिए। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता यासूब अब्बास ने इस बात की जानकारी दी। सुलतानुरूल मदारिस में हुई बैठक में शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से इस फैसले को लिया गया है।
इस मामले में वसीम रिजवी ने कहा कि जो फॉर्मूला हमने दिया था वह हमारा और हिंदू पक्ष का फॉर्मूला था। कोर्ट ने याचिकाएं खारिज की हैं, उनमें हमारी याचिका खारिज नहीं हुई है। कोई साथ देगा या नहीं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमारा फॉर्मूले को ही कोर्ट से अनुमति मिलेगी, हमें पूरी उम्मीद है। कोर्ट हमारी बात को सुनने को तैयार है।
क्या था रिजवी का रुख?
आपको बता दें कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने हाल ही में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) को चिट्ठी लिखकर कहा था कि हिंदू समाज के मंदिरों को तोड़कर बनाई गई सभी मस्जिदों को वापस किया जाए। इस चिट्ठी में उन्होंने अयोध्या की बाबरी मस्जिद समेत 9 मस्जिदों का जिक्र किया था।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीसरे पक्षों की सभी हस्तक्षेप याचिकाएं खारिज कर दीं थी। आपको बता दें कि वसीम रिजवी और AIMPLB के बीच काफी समय से विवाद चलता रहा है।
गौरतलब है कि हाल ही में हैदराबाद में हुई ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की बैठक में कहा गया था कि वह ‘निष्पक्ष न्याय और बराबर सम्मान’ पर आधारित बातचीत के लिए तैयार है।” वहीं, ये भी कहा था कि एक बार मस्जिद बन गई तो वह हमेशा मस्जिद है।”