लखनऊ : चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। विधान परिषद की 13 सीटों के लिए 26 अप्रैल को चुनाव होगा। ये सभी सीटें पांच मई को खाली हो रही है जिस पर चुनाव के लिए केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने सोमवार 2 अप्रैल को कार्यक्रम घोषित कर दिया। आयोग के अनुसार नौ अप्रैल को विधान परिषद चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी। नामांकन की अन्तिम तिथि 16 अप्रैल रखी गई है जबकि 17 व 18 अप्रैल को नामांक़न पत्रों की जांच की जाएगी। 19 अप्रैल नाम वापसी की अन्तिम तिथि तय की गई है जबकि 26 अप्रैल को चुनाव होगा।
उसी दिन सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान के बाद देर शाम तक चुनाव परिणामों की घोषणा कर दी जाएगी। पांच मई को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा वर्तमान ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. महेन्द्र कुमार सिंह समेत 13 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इसमें अम्बिका चौधरी, उमर अली खान, सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश चन्द्र उत्तम, डा. मधु गुप्ता, चौधरी मुश्ताक, राजेन्द्र चौधरी, राम शकल गुर्जर, डा. विजय यादव, डा. विजय प्रताप तथा बसपा के सुनील कुमार चित्तौड़ के नाम शामिल है।
ऐसे में 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव में इन सभी खाली हो रही सीटों पर नए सदस्यों का निर्वाचन पूरा किया जाएगा। चूंकि अखिलेश यादव ने पूर्व में ही लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी करने का ऐलान कर दिया है, ऐसे में यह साफ है कि वह इन विधान परिषद चुनावों में भागीदारी नहीं करेंगे। इसके अलावा सत्तारूढ़ बीजेपी इन चुनावों में अपने कई वरिष्ठ नेताओं को सदन में भेज सकती है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने 11 प्रत्याशियों का चयन करने पर मंथन शुरू कर दिया है। विधानसभा में भाजपा और सहयोगी दलों के विधायकों की संख्या नूरपुर के विधायक लोकेन्द्र प्रताप सिंह की मृत्यु के बाद 325 की बजाय अब 324 रह गई है।
भाजपा और उसके सहयोगी दल अपना दल और भासपा की 324 विधायकों के हिसाब से 13 में से 11 सीटें जीतना तय है। प्रत्येक प्रत्याशी को जीतने के लिए लगभग 29 विधायकों के वोट की जरूरत है। खाली हो रही 13 सीटों में से दो भाजपा की हैं। इनमें एक पर ग्रामीण विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा.महेन्द्र सिंह और दूसरी सीट अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मोहसिन रजा की है।