बेंगलूरू [ TNN ] बेंगलूरू पुलिस ने ऐसे सात युवाओं को गिरफ्तार किया है जो ब्लैकमेल चलाते थे। उन पर एक डॉक्टर को ब्लैक मेल करने का आरोप है। फिलहाल सभी आरोपी सलाखों के पीछे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा धारा 377 का प्रयोग गे मामलों से जुड़े अपराधों में करने की अनुमति देने के बाद यह पहला मामला है जिसमें इस धारा का प्रयोग किया जा रहा है।
पुलिस ने बताया कि इसके साथ ही इन युवाओं पर अन्य धाराओं के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने एक डॉक्टर से 16 लाख रुपए ब्लैकमेल किए। आरोपियों ने डॉक्टर को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनके पास उससे संबंधित जो टेप है उसे वह मीडिया के सामने उजागर कर देंगे।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों में सुहास नामक आरोपी है जिसकी उम्र 20 साल है और वह एक प्रतिष्ठित डीटीएच कंपनी से जुड़ा हुआ है।
वह एक दिन डॉक्टर के यहां कनेक्शन करने के लिए गया था और वहां पर उसके डॉक्टर के साथ अच्छे संबंध हो गए। इसके साथ ही उन दोनों के बीच गे संबंध भी स्थापित हुए। सुहास ने इस बात की जानकारी अपने दोस्त दिवाकर(19), मधु(19), नीकेश(22), विश्वा(21), महेश(19), विकास(21) को बताई।
इसके बाद दोस्तों ने मिलकर एक प्लान बनाया और सुहास ने अपने दो दोस्तों को डॉक्टर से मिलाया। इन दोनों के साथ भी डॉक्टर ने गे संबंध स्थापित किए। इन्हीं में से एक ने इस पूरे घटना को कैमरे में कैद कर लिया और कुछ दिनों बाद डॉक्टर को इस बात की धमकी देने लगे कि अगर पैसा नहीं दिया गया तो वइ इस वीडियो को मीडिया के सामने पेश कर देंगे।
डॉक्टर ने समाज में प्रतिष्ठा और इज्जत के डर से इन लोगों को 5 लाख रुपए दे दिए। इसके बाद इन लोगों ने पैसे को अपास में बांट लिए और मौजमस्ती में उड़ा दिए। इसके बाद इन्होंने डॉक्टर को दोबारा फोन किया और उससे 11 लाख रुपए लिए। यह सिलसिला यहां थमा नहीं और इन्होंने एक बार फिर डॉक्टर को फोन किया जिसके बाद डॉक्टर ने इस बात की जानकारी पुलिस को दे दी।
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उनके ऊपर धारा 377 और 384 के तहत मुकदमा दर्ज किर लिया। इस संबंध में बेंगलूरू उपायुक्त अभिषेक गोयल ने बताया कि इन आरोपियों पर अपराध सिद्ध हो जाता है तो डॉक्टर के खिलाफ भी धारा 377 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। Agancy