बालाघाट : किसानों की फसलों को कम दाम पर नहीं बिकने दिया जाएगा। किसानों के परिश्रम से पैदा किये गये कृषि उत्पाद को उचित कीमत मिलेगी। यदि बाजार में किसानों की फसलों के दाम कम होंगे तो उसकी भरपाई प्रदेश सरकार करेगी। प्रदेश सरकार किसानों का नुकसान नहीं होने देगी बल्कि उनकी हर संभव मदद करेगी। चाहे प्राकृतिक आपदा का मामला हो या फिर कोई और अन्य कारण प्रदेश सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहेगी। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बालाघाट जिले के वारासिवनी में आयोजित किसान सम्मेलन एवं मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत किसानों को गेहूं एवं धान के समर्थन मूल्य पर प्रोत्साहन राशि के वितरण कार्यक्रम में विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने बालाघाट जिले के 72 हजार किसानों के बैंक खाते में बटन दबाकर 57 करोड रुपए की राशि ट्रांसफर की। उन्होंने 419 करोड़ रुपये की लागत के 201 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में तूफान आ जाए या और कोई प्राकृतिक आपदा आ जाए संकट के समय प्रदेश सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि 15 वर्ष पहले प्रदेश के किसानों को 18 प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण मिलता था, जिसे राज्य सरकार ने कम करके शून्य प्रतिशत पर ला दिया है। अब प्रदेश के किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 15 वर्ष पहले प्रदेश में मात्र 7 लाख 50 हजार हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई होती थी लेकिन अब सिंचाई का रकबा बढ़कर 40 लाख हेक्टर हो गया है। किसानों को खाद उठाने की अग्रिम सुविधा दी गई है जिससे किसान दो-तीन माह पहले ही खाद का उठाव कर सकते हैं। पहले कोई सोच भी नहीं सकता था कि किसानों को बोनस के रुप में 57 करोड रुपए की राशि बंटेगी लेकिन प्रदेश सरकार ने यह करके दिखाया है। गत वर्ष प्रदेश के जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं धान का विक्रय किया है उन्हें प्रोत्साहन राशि देने के लिए प्रदेश सरकार ने 1700 करोड रुपए की राशि की व्यवस्था की है। इस वर्ष जो किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय कर रहे हैं उन्हें 265 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री कृषक ऋण समाधान योजना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिन किसानों का ऋण कालातीत हो चुका था और जिन्हें शून्य प्रतिशत ब्याज का लाभ नहीं मिल रहा था, प्रदेश सरकार ने उनके लिए यह योजना तैयार की है और उन किसानों के ऋण का ब्याज माफ कर दिया है। ऐसे किसानों को मूलधन की आधी राशि जमा करनी होगी शेष आधी राशि का समायोजन शून्य प्रतिशत ब्याज पर लिए जाने वाले ऋण में कर दिया जाएगा। बालाघाट जिले में प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इसके लिए उन्हें 12 करोड रुपए की राहत राशि प्रदान कर दी है और यह राशि किसानों के बैंक खाते में जमा करा दी गई है। प्रदेश सरकार ने यह भी तय किया है कि यदि किसानों की फसल प्राकृतिक आपदा में 50 से अधिक क्षतिग्रस्त हो जाती है तो उन्हें दी जाने वाली सहायता राशि 15 हजार रुपये प्रति हेक्टर से बढ़ाकर 30 हजार रुपये प्रति हेक्टर कर दी गई है और ऐसे किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ भी दिया जाएगा। प्राकृतिक आपदा में किसानों को जितना नुकसान होगा उसकी भरपाई प्रदेश सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार किसानों की आय को दोगुना करना चाहती है। किसानों को अपनी खेती के काम के साथ दूसरे काम भी अपनाना होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री युवा कृषक उद्यमी योजना प्रारंभ की है। इस योजना में फूड प्रोसेसिंग एवं कृषि आधारित उद्योगों के लिए 10 लाख रुपए से लेकर 2 करोड रुपए तक का ऋण दिया जाएगा और बैंक गारंटी प्रदेश सरकार लेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तेंदूपत्ता श्रमिकों की मजदूरी दर 1250 रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर दो हजार रुपये प्रति मानक बोरा कर दी है। समर्थन मूल्य पर महुआ फूल की खरीदी की व्यवस्था भी की गई है। तेंदूपत्ता तोड़ने वाले श्रमिकों के कल्याण के लिए योजना बनाई गई है। जिसमें उन्हें जूते(चरण पादुका), पानी की कुप्पी एवं साड़ी प्रदाय की जाएगी। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए बनाई गई योजना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 36 प्रकार की विभिन्न श्रेणियों में काम करने वाले श्रमिकों के कल्याण के लिए योजना तैयार की है। ढ़ाई एकड़ तक के किसानों को भी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों में शामिल किया गया है। परिवार की गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पोषण आहार के लिये 4 हजार रूपये दिये जायेंगे, प्रसव होने पर महिला के खाते में 12 हजार 500 रूपये जमा किये जायेंगे। घर के मुखिया श्रमिक की सामान्य मृत्यु पर परिवार को 2 लाख तथा दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रूपये की सहायता, हर भूमिहीन श्रमिक को भूखण्ड या मकान, स्वरोजगार के लिए ऋण दिलाया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की योजनाओं में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए ग्राम पंचायत में 5 लोगों की समिति बनाई जाएगी जो जो तय करेगी कि सही व्यक्ति को ही योजना का लाभ मिले। उन्होंने बेरोजगार युवाओं की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार अगले माह एक लाख नौकरियां निकालने जा रही है और इसमें महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था रहेगी। पुलिस की भर्ती में भी महिलाओं को आरक्षण दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने संविदा व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया है। यह शोषण की व्यवस्था है इसे बंद किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने बेटियों के साथ कोई दुराचार ना हो इसके लिए बलात्कार करने पर फांसी की सजा का कानून बनाया है और यह कानून राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर डोकरिया जलाशय के निर्माण के लिए तकनीकी परीक्षण के बाद उसे बनाने की घोषणा की। इसी प्रकार राजीव सागर परियोजना की खापा, बोदीलकसा, वितरक नहरों के लाईनिंग कार्य, मंगेझरी, मोहाडी, कोथुरना की पेयजल योजना को स्वीकृत करने, वारासिवनी एवं कटंगी के कॉलेज में गणित, रसायन, बायोलॉजी की स्नातकोत्तर कक्षाएं इसी सत्र से प्रारंभ करने, उत्कृष्ट विद्यालयों में कक्षा नवमी एवं दसवीं की अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं प्रारंभ करने, कटंगी के तालाब के सुंदृढ़ीकरण के लिए 02 करोड़ रुपए की योजना, को कटंगी में पिछड़ा वर्ग छात्रावास बनाने एवं खजरी में भालवा नाले पर स्टापडेम निर्माण की घोषणा की।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बालाघाट जिले की विकास पुस्तिका का विमोचन किया और विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को ऋण एवं अनुदान राशि का वितरण किया तथा विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान को हल भेंटकर किसानों की ओर से उनका सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश शासन के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन, सांसद बोधसिंह भगत विधायक, के डी देशमुख, डॉ योगेंद्र निर्मल, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष राजकुमार रायजादा, पूर्व विधायक रमेश भटेरे, रामकिशोर कांवरे, भगत सिंह नेताम, ओंकार सिंह बिसेन, पूर्व मंत्री लोचनलाल ठाकरे, अन्य गणमान्य नागरिक जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित थे।