SC-ST एक्ट में संशोधन के खिलाफ दलितों ने 2 अप्रैल को भारत बंद का आयोजन किया था। इस दौरान पूरे देश में भारी हिंसा देखने को मिली।
कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ विपक्ष ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला भी बोला। तभी से भाजपा अपने दलित वोटरों को साधने का प्रयास कर रही है। हालांकि शिवराज सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव का ताजा बयान पार्टी के लिए मुसीबत बन सकती है।
भार्गव ने रविवार को नरसिंहपुर में ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि ‘यदि योग्यता को दरकिनार करके अयोग्य लोगों का चयन किया जाए, यदि 90 फीसदी वाले को बैठा दिया जाएगा और 40 फीसदी वाले की नियुक्ति की जाए तो यह देश के लिए घातक है।’
उन्होंने कहा इससे हमारा देश पिछड़ जाएगा। कहीं ब्राह्मणों के साथ अन्याय न हो जाए। यह प्रतिभा के साथ एक मजाक है और ईश्वर की व्यवस्था के साथ अन्याय हो रहा है।
हालांकि अपने बयान पर बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को राजनीतिक कारणों से तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह आरक्षण के घोर समर्थक हैं और उन्होंने अपने बयान में आरक्षण शब्द का कहीं प्रयोग नहीं किया।
भार्गव के मुताबिक उनके 40 साल के राजनीतिक करियर में भी उन्होंने कभी आरक्षण शब्द का उल्लेख नहीं किया।