देश के कई राज्यों में नकदी की कमी का संकट मंडराने लगा है। इसका ज्यादातर असर गुजरात, बिहार और मध्य प्रदेश में दिखने लगा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इन राज्यों की एटीएम मशीनों से दो हजार के नोट गायब होने लगे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एटीएम में कैश की तंगी को स्वीकार किया है।
वहीं एक चैनल ने रिजर्व बैंक के सूत्रों के हवाले बताया है कि असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में लोगों के जरूरत से ज्यादा नकदी निकालने की वजह से यह संकट खड़ा हुआ है।
रिजर्व बैंक के सूत्रों ने बताया है कि त्योहारी मांग की वजह से कैश की कमी हुई है। जितनी जरूरत थी उतना कैश सप्लाई नहीं हुआ है लेकिन स्थिति अब सामान्य हो रही है। रिजर्व बैंक के मुताबिक एक दो दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।
कैश की किल्लत से बिहार और मध्यप्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित बताया जा रहा है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ एसबीआई की मुख्य चेस्ट को पिछले दिनों मिली 72 करोड़ की रकम के बाद भी लोगों को एटीएम में नकदी संकट से राहत नहीं मिल पा रही है।
मुख्यालय के दो दर्जन एटीएम शोपीस बने हुए हैं। अधिकांश एटीएम में ताले लटक गए हैं। इससे लोगों को भारी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज ने दो हजार के नोटों के गायब होने पर आरोप लगाया है कि इसके पीछे बड़ी साजिश रची जा रही है। हालांकि, उन्होंने इस संदर्भ में केंद्र सरकार से बातचीत करने की बात कही और कहा कि राज्य सरकार इससे सख्ती से निपटेगी।
किसानों को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा कि नोटबंदी से पहले 15 लाख करोड़ रुपये की नकदी का चलन था, लेकिन अब यह करीब 16 लाख करोड़ रुपये के पास पहुंच गया है, लेकिन बाजार से दो हजार के नोट गायब किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “लेकिन दो-दो हजार के नोट कहां जा रहे हैं, कौन दबाकर रख रहा है, कौन नकदी की कमी पैदा कर रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि दिक्कतें पैदा हों।