जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची से गैंगरेप और हत्या की जांच के दौरान कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। घटना के आरोपियों में से एक सांजी राम ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया है कि उसे बच्ची के अपहरण के चार दिन बाद उससे बलात्कार होने की बात पता चली। बलात्कार में अपने बेटे के भी शामिल होने का पता चलने पर उसने बच्ची की हत्या करने का फैसला किया।
जांचकर्ताओं ने बताया कि 10 जनवरी को अपह्रत बच्ची से उसी दिन सबसे पहले सांजी राम के नाबालिग भतीजे ने बलात्कार किया था। बच्ची का शव 17 जनवरी को जंगल से बरामद हुआ।
नाबालिग के अलावा सांजी राम, उसके बेटे विशाल और पांच अन्य को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। जांचकर्ताओं ने बताया कि बच्ची को एक छोटे से मंदिर ‘देवीस्थान’ में रखा गया था, जिसका सांजी राम सेवादार था।
उन्होंने बताया कि हिंदू वर्चस्व वाले इलाके से घुमंतू समुदाय के लोगों को डराने और हटाने के लिए यह पूरी साजिश रची गई। हालांकि, सांजी राम के वकील अंकुर शर्मा ने जांचकर्ताओं द्वारा किए जा रहे घटना के इस वर्णन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह अपनी बचाव रणनीति नहीं बता सकते। – एजेंसी