नई दिल्लीः आरटीआई कार्यकर्ता ने रेलवे से जानकारी मांगकर अहम सूचनाएं हासिल की हैं। मिली सूचना से पता चलता है कि यात्रा न करने पर आपके द्वारा रेल टिकट कैंसिल करवाना भी रेलवे की आमदनी का बड़ा सोर्स है। आमतौर पर रेल टिकट को कैंसिल करवाने के बदले में रेलवे कई बार आपसे कुछ पैसा फीस के तौर पर कटौती करती है। आमतौर पर ये टिकट की कीमत का कुछ प्रतिशत होता है। आम आदमी को भले ही इस कटौती से ज्यादा फर्क न पड़ता हो, लेकिन रेलवे कैंसिल टिकट से जमकर कमाई कर रहा है। वेटिंग टिकट और अन्य कारणों से रद की गई टिकटों से ही रेलवे ने साल 2016-17 में लगभग 1400 करोड़ रुपये कमाए हैं।
मध्य प्रदेश के सूचना का अधिकार कार्यकर्ता राजीव खरे ने इस संबंध में भारतीय रेलवे से सूचना मांगी थी। रेलवे ने इस आरटीआई के जवाब में बताया कि साल 2015-16 में कैंसिल टिकटों से 1104 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। जबकि साल 2016-17 में यह बढ़कर 1386 करोड़ रुपये हो गई। जबकि भारतीय रेलवे ने 2016-17 में एक लाख 64 हजार करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था।
आरटीआई कार्यकर्ता राजीव खरे ने बताया,”रद की हुई टिकटों से पश्चिम मध्य रेलवे ने साल 2016-17 में 41 करोड़ रुपये की कमाई की है। जबकि सिर्फ एक साल पहले ये कमाई 36 करोड़ रुपये थी। औसतन भारतीय रेलवे हर घंटे सिर्फ कैंसिल टिकट की मद में 16 लाख रुपये कमा रहा है। जबकि प्रतिदिन का औसत करीब 3 करोड़ 80 लाख रुपये का है।
राजीव खरे का आरोप है कि अगर कोई आॅनलाइन वेटिंग टिकट बुक करता है और चार्ट बनने पर भी उसका रिजर्वेशन कंफर्म नहीं हो पाता है तो रेलवे टिकट कैंसल करने का भी पैसा वसूल रही है। जबकि इसमें यात्री का कोई भी कसूर नहीं है। यात्री जब खुद टिकट कैंसिल करवाए, शुल्क तभी वसूला जाना चाहिए। राजीव खरे, इस संबंध में कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर करने वाले हैं।