मुंबई : मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन की आंच मुंबई तक पहुंच गई है। मंगलवार को महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बंद के बाद अब बुधवार को मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगढ़ में बंद का ऐलान किया गया है। मंगलवार को आंदोलन के दौरान कई इलाकों में पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच झड़प की खबरें आईं थी। शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण देने की मांग को लेकर एक युवक ने गोदावरी नदी में कूदकर अपनी जान तक दे दी थी। वहीं, युवक की मौत के बाद आंदोलन और भी तेज हो गया है और कई इलाकों में मराठा क्रांति मोर्चा ने उग्र प्रदर्शन भी किया है।
महाराष्ट्र के लातूर जिले में दो समूहों के बीच संघर्ष, क समूह जबरन लोगों को दुकानों को बंद करने और सब्जियों के ठेल गिराने की करने लगा कोशिश, मौके पर पुलिस मौजूद।
आरक्षण की मांग को लेकर मराठा आंदोलन ने फिर तेज़ी पकड़ ली है। मराठा मोर्चा ने आज मुंबई बंद बुलाया है। इसके साथ ही ठाणे, नवी मुंबई, पालघर और रायगढ़ भी बंद है। बंद के दौरान मराठा मोर्चा ने मुंबई की ओर जानेवाली ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे को जाम कर दिया। हालांकि 20 मिनट बाद आंदोलनकारी हाइवे से हट गए। फ़िलहाल मुंबई में बंद का बहुत ज़्यादा असर नहीं दिख रहा है। लोकल ट्रेनें समय से चल रही हैं। बेस्ट बसें भी सड़कों पर हैं। हालांकि सुबह नवी मुंबई के घनसोली में 2 बसों पर पत्थर फेंके गए। मुंबई बंद में स्कूल और कॉलेजों को शामिल नहीं किया गया है, फिर भी कुछ जगहों पर एहतियातन स्कूलों में छुट्टी दे दी गई है। मराठा मोर्चा ज़रूरी सेवाओं को भी प्रभावित नहीं करने का फ़ैसला लिया है।
मुंबई समेत दूसरे इलाक़ों में बंद को देखते हुए कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है। ताक़ि कोई अप्रिय घटना हो तो उससे सख़्ती से निपटा जाए। इससे पहले मंगलवार को मराठा मोर्चा ने महाराष्ट्र के बाक़ी हिस्सों में बंद बुलाया था। इस दौरान कई जगहों पर मराठा आंदोलन हिंसक हो गई। हिंसा में एक पुलिसवाले की मौत हो गई। कुछ जगहों पर आंदोलनकारियों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। कई जगह चक्का जाम भी हुआ, जिससे लोग इधर-उधर फंसे रहे। मंगलवार को बंद का सबसे ज़्यादा असर औरंगाबाद ज़िले में दिखा। यहां आरक्षण समर्थक एक युवक ने ख़ुदकुशी की कोशिश की, जिसमें वो बुरी तरह से ज़ख़्मी हुआ है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। आंदोलनाकारियों ने यहां कई गाड़ियों में तोड़-फोड़ की। सिर मुंडाकर अपना विरोध जताया।
Clashes break out between two groups in Udgir in Latur district of Maharashtra when one group was forcibly trying to get people to shut shops and overturned a vegetable cart while attempting to enforce Maharashtra bandh. Police is on the spot and situation is contained pic.twitter.com/uEOqPDx0As
— ANI (@ANI) July 25, 2018
#MarathaReservation protests: Workers of #MarathaKrantiMorcha block a local train in Thane pic.twitter.com/cotagpKpzp
— ANI (@ANI) July 25, 2018
#MarathaReservation protests: Tires set ablaze on Majiwada bridge in Thane. #Maharashtra pic.twitter.com/2sTPFB1zRo
— ANI (@ANI) July 25, 2018
#MarathaReservation protests: Workers of #MarathaKrantiMorcha forcibly shut shops on Thane ‘s Gokhale road pic.twitter.com/Efqoow9sp0
— ANI (@ANI) July 25, 2018
We are not blocking any road. We are carrying out a peaceful protest. We have told our workers that there should be no inconvenience to the police or govt due to our protest. We are asking people to shut down their shops: Maratha Kranti Morcha #MaharashtraBandh pic.twitter.com/mM38GDTQby
— ANI (@ANI) July 25, 2018
We are not blocking any road. We are carrying out a peaceful protest. We have told our workers that there should be no inconvenience to the police or govt due to our protest. We are asking people to shut down their shops: Maratha Kranti Morcha #MaharashtraBandh pic.twitter.com/mM38GDTQby
— ANI (@ANI) July 25, 2018
मंगलवार को बंद का सबसे ज़्यादा असर औरंगाबाद ज़िले में दिखा। यहां आरक्षण समर्थक एक युवक ने ख़ुदकुशी की कोशिश की, जिसमें वो बुरी तरह से ज़ख़्मी हुआ है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। आंदोलनाकारियों ने यहां कई गाड़ियों में तोड़-फोड़ की और सिर मुंडाकर अपना विरोध जताया।
मराठा समाज का आरोप है कि पिछले साल के मूक आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने साल भर में अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया। उलटे गैर जिम्मेदार बयानबाजी कर हमारी भावनाओं से खिलवाड़ किया है। मराठा मोर्चा आरक्षण की मांग है कि आरक्षण का भरोसा पूरा हो। सरकारी नौकरियों, शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू हो, ताक़ि मराठा समाज आगे बढ़ सकें। महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा किसान मराठा हैं, ऐसे में मराठा मोर्चा स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें लागू करने की मांग कर रहा है। साथ ही SC-ST ऐक्ट में बदलाव की मांग कर रहे हैं।