नई दिल्ली: राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री को अचानक गले लगा कर राजनीतिक जमीन पर सच में भूकंप सा ला दिया है। सदन में अविश्वास प्रस्ताव दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का पीएम मोदी को गले लगाना पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। वही सूत्रों की माने तो राहुल को इस घड़ी का बेसब्री से इंतज़ार था। वे पहले से चाहते थे की किसी मौके पर प्रधानमंत्री के गले लग कर अपनी प्रति विपक्ष की नफरत को कम कर सकें।
एनडीटीवी के हवाले से कहा गया है कि लगभग तीन या चार महीने पहले जब राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी से अपनी मां सहित गांधी परिवार की आलोचना सुनी, शायद तभी से ये कांग्रेस अध्यक्ष के दिमाग में चल रहा था। अक्सर पीएम मोदी अपने भाषण में राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर निशाना साधते रहते हैं। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने उसी वक्त से पीएम मोदी पर पलटवार करने और सार्वजनिक रूप से प्यार जताने का प्लान बना रहे थे।
गुजरात चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी ने संकेत दिया था कि पीएम मोदी के साथ उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का मतलब नफरत नहीं है। उन्होंने ये भी कहा था कि बीजेपी के लोग उनको और उनके पिता को गाली देते हैं लेकिन उनके दिल में किसी के लिए नफरत नहीं है। वो केवल सभी से प्यार से मिलने की कोशिश करते हैं और नफरत की कोई जगह नहीं है। सूत्रों के हवाले से कहा गया कि लिए राहुल गांधी ने पीएम मोदी को गले लगाने का प्लान बनाया और प्यार का संदेश सार्वजनिक रूप से देने की कोशिश की, उनका मकसद पीएम मोदी पर पलटवार करने का भी था लेकिन इसको लेकर तय नहीं हो पा रहा था कि कब ये किया जाए, सदन में पीएम मोदी के भाषण के दौरान या फिर कब?
जब अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल को सदन में बोलने का मौका मिला, उन्होंने कहा, ‘आप मुझे बुरा-भला कह सकते हैं, आप मुझे पप्पू कह सकते हैं, लेकिन मेरे पास आपके खिलाफ नफरत की जगह नहीं है। मैं आपके अंदर से इस नफरत को बाहर निकाल दूंगा और इसे प्यार में बदलूंगा।’ राहुल ने अपनी बात खत्म करने के साथ ही पीएम मोदी के करीब जाकर उनको गले लगा लिया था और उस वक्त पीएम मोदी हैरान हो गए थे कि अचानक ये क्या हुआ? इसके बाद तो ये शुक्रवार की बड़ी खबर बन गई और सारे मुद्दे इसके आगे बौने साबित हो गए थे।