चंडीगढ़ : 1984 के सिख दंगों को लेकर दिए गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर सियासी घमासान लगातार जारी है। एक ओर जहां कांग्रेसी नेता लगातार राहुल के बयान का समर्थन कर रहे हैं, वहीं बीजेपी की ओर से भी जवाबी हमले किए जा रहे हैं।
बीते दो दिनों में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादल परिवार के बीच इस मुद्दे को लेकर काफी छींटाकशी हुई है।
अमरिंदर ने रविवार की तरह सोमवार को भी अपना बयान दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस 1984 के दंगों में शामिल नहीं थी।
उन्होंने दोहराया, ‘सिख दंगे तब हुए जब इंदिरा जी की हत्या की गई, उस वक्त राजीव गांधी बंगाल में एयरपोर्ट पर थे। दंगों में कांग्रेस का कोई रोल नहीं था। हां कुछ लोग जरूर शामिल थे। उनका नाम भी मैं ले सकता हूं। उनमें सज्जन कुमार, धरमदास शास्त्री, अर्जुन दास और दो अन्य लोग शामिल थे।’
इस पर पलटवार करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘उन्होंने पांच नाम लिए लेकिन टाइटलर (जगदीश टाइटलर) के लिए उनके मन में सॉफ्ट कॉर्नर है। इसलिए उनका नाम नहीं लिया।’ उन्होंने आगे यह भी कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को सुप्रीम कोर्ट को बताना चाहिए कि वह मामले के मुख्य गवाह हैं।
इससे पहले अमरिंदर ने सिख दंगे में राहुल गांधी को घसीटने को लेकर भी पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को निशाने पर लिया था। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि 1984 के दंगों के अपराध में राहुल ‘भागीदार’ थे। इस पर पलटवार करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि 1984 के दंगों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बादल का प्रहार अनुचित और फिजूल है।
अमरिंदर ने यह भी कहा कि कुछ लोगों की करतूतों के लिए समूची पार्टी को जिम्मेदार ठहराना मूर्खतापूर्ण है और यह सुखबीर बादल की राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है।
अमरिंदर सिंह के इस बयान पर सोमवार को हरसिमरत कौर बादल ने पलटवार किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘अमरिंदर सिंह को शर्म आनी चाहिए। एक सिख होने के नाते उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।’
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्रिटेन में कहा था कि 1984 के सिख दंगों में कांग्रेस पार्टी की कोई संलिप्तता नहीं थी। राहुल ने कहा था कि यह दंगा बेहद दर्दनाक था, लेकिन कांग्रेस की इसमें कोई आपराधिक संलिप्तता नहीं थी। राहुल के इस बयान के बाद विपक्ष ने उनपर निशाना साधना शुरू कर दिया है।