अमेठी:बच्चों के विकास में माताओं की भूमिका अहम होती है पहली शिक्षा और संस्कार बच्चे घर में मां से ही प्राप्त करते हैं
ये बातें अमेठी के मुसाफिरखाना में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य रमाकांत त्रिपाठी ने कही वह शिशु मंदिर में आयोजित मातृ सम्मेलन में माताओं व अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे ।
बच्चे समाज की पूँजी-
मंच संचालन देवी नारायण तिवारी ने किया मुख्य अतिथि राम अकबाल पाण्डेय ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य विद्यालय एवं माताओं की संयुक्त सहभागिता से बच्चों का बहुमुखी विकास करना है बच्चों का समग्र विकास माताओं के सहयोग से ही संभव है बच्चे समाज की पूंजी हैं इन्हें सजाना व संवारना विद्यालय व समाज का दायित्व बनता है विद्यालय अध्यक्ष विनोद प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि बच्चों के विकास में गुरु की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, लेकिन मां की भूमिका गुरु से कम नहीं है, क्योंकि शिक्षा के अलावा संस्कार, सद्व्यवहार जैसे गुण बच्चों में माताएं ही भरती हैं. मंचासीन ने कहा कि घर और विद्यालय के संयुक्त प्रयास से ही बच्चे आगे बढ़ेंगे. पौष्टिक भोजन के साथ-साथ स्वच्छता पर भी हमें ध्यान देना चाहिए.
माँ हर समस्याओं का हल-
सरस्वती शिशु मंदिर मुसाफिरखाना प्रबंधक गंगेश कुमार सिंह ने कहा कि मां के प्यार के बिना शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक व आध्यात्मिक विकास संभव नहीं है खुल कर बातचीत करें, ताकि समस्या सुलझाने में आसानी होगी विद्यालय के ने कहा कि मां का व्यवहार जैसा होगा, बच्चे वैसे ही अनुकरण करेंगे ।
विकास पर प्रकाश इस सम्मेलन का उद्देश्य-
शैक्षणिक विकास की दृष्टिकोण से एवं बच्चों के मानसिक विकास के लिये इस प्रकार का कार्यक्रम आवश्यक है इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य ने कहा कि विद्यालय में अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राएं एवं उनके अभिभावक तथा शिक्षकों के बीच शैक्षणिक, आवासीय आदि कई बिंदुओं पर खुलकर बातचीत एवं बच्चों के विकास पर प्रकाश डालना ही मातृ सम्मेलन का उद्देश्य है ।
इस आयोजन में लगभग 500 माताओं ने भाग लिया इस सम्मेलन को सफल बनाने में कार्यालय प्रमुख व्यवस्था प्रमुख कृष्णमोहन,
अमित अग्रवाल आचार्य साधूराम, रेखा श्रीवास्तव,कुसुमा श्रीवास्तव,सन्तराम सहित अनेकों भैया बहनें मौजूद थे।