भाजपा नेता और बिहार के पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक कार्यक्रम में मोदी सरकार पर जुबानी हमला बोला है।
महाराष्ट्र के नागपुर में कटोल से भाजपा के बागी विधायक आशीष देखमुख द्वारा आयोजित ‘कटोल महोत्सव’ में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार में तानाशाहों की तरह फैसला लिया जा रहा है। नोटबंदी की मार से जनता उभरी भी नहीं कि जीएसटी लागू कर दिया गया। सवाल उठाने वाले को कहा जाता है कि उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया, इसलिए ऐसा कर रहे हैं। प्रचारतंत्र के सहारे उन्हें बागी और गद्दार बतालाया जाने लगता है।
उन्होंने आगे कहा, “मेरे बारे में बहुत बातें हो रही हैं कि ये क्या कर रहे हैं शत्रुघ्न सिन्हा? उनका दिमाग खराब हो गया है। भारतीय जनता पार्टी में इतने सालों से हैं और ये आज अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत कर रहे हैं। मैं सब सुनता हूं और पढ़ता हूं।”
भाजपा सांसद ने कहा कि, “मेरे बारे में चर्चा हो रही है कि मैं बागी हो गया हूं। पार्टी के खिलाफ बगावत कर रहा हूं। मुझसे पूछा जाता है कि क्या ये वजह है कि आपको मंत्री नहीं बनाया गया, इसलिए ऐसा कर रहे हैं?
हमने कहा कि ये भी प्रचारतंत्र का एक हिस्सा है। अगर आडवाणी जी को आज राष्ट्रपति नहीं बनाया गया है, कोई मंत्री, प्रधानमंत्री या उपप्रधानमंत्री नहीं बनाया गया है, और अगर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया दी तो बोल दो कि मंत्री नहीं बनाया गया, इसलिए ऐसा बोल रहे हैं।
यशवंत सिन्हा जैसे व्यक्ति यदि कोई बात कहते हैं तो कह दिया जाता है कि मंत्री नहीं बनाया गया है, इसलिए ऐसा बोल रहे हैं। मुरली मनोहर जोशी जैसे पंडित, ज्ञाणी, गुणी को मंत्री नहीं बनाया गया है, इसलिए रूठे हुए हैं?
अरूण शौरी जैसे परम विद्वान को मंत्री नहीं बनाया गया है, इसलिए वे ऐसी बातें कर रहे हैं? ये क्या तमाशा है। आज के दिन अगर मंत्री बनाया भी जाता है तो क्या होगा?
अधिकांश लोग 90 प्रतिशत मंत्रियों को जानते भी नहीं हैं। जानते हैं तो मानते नहीं है। मानते हैं तो पहचानते नहीं हैं। पहचानते भी हैं और यदि कोई काम पड़ जाए तो जाने पर करते नहीं हैं।”
बिहारी बाबू ने कहा कि, “यदि बच्चों से पांच मंत्रियों का नाम पूछा जाए तो वे पहला नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लेंगे, दूसरा अमित शाह का जो मंत्री ही नहीं हैं और तीसरे वे नहीं बता पाएंगे।
एक सवाल के जवाब में एक बार यशवंत जी ने कहा था कि अटल जी की सरकार में और इस सरकार में वह अंतर है जो लोकशाही और तानाशाही में है। अगर सच कहना बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं। हम सब जानते हैं कि देश से बड़ा कुछ नहीं होता है। अगर मैंने कहा कि नोटबंदी गलत फैसला है तो क्या गलत कहा? नोटबंदी की वजह से किसान, छोटे व्यापारी, रेहड़ीवालों, मजदूरों की क्या हालत हुई, किसी से छिपा हुआ नहीं है।
कालाधन वापस लाने की बात हुई थी, लेकिन यहां तो लोगों को अपने पैसे निकालने के लिए ही लाइन में लगना पड़ा।
वर्षों से किसी अच्छे काम के लिए रखा हुआ पैसा एक तुगलकी फरमान में कागज का टुकड़ा हो गया। मैं पूरी जिम्मेवारी के साथ कह सकता हूं कि ये पार्टी का फैसला नहीं था, बल्कि ये रातों-रात लिया गया फैसला था।”
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, “मैं भाजपा से पहले भारतीय जनता का हूं। नोटबंदी से जनता अभी उबरी भी नहीं थी कि जीएसटी लागू किया गया। यह इतना पेचिदा है कि लोग इसे समझ नहीं पा रहे हैं। कहा गया था कि यह ‘वन नेशन वन टैक्स’ होगा। लेकिन यह ‘वन नेशन 36’ टैक्स हो गया है। इसमें 300 से ज्यादा संशोधन हो चुका है। किसी को ट्रेनिंग दी नहीं और बात डिजिटल इंडिया की करते हैं। आखिर हम शांत कैसे बैठें।
हम जनता की बात करते हैं तो प्रचारतंत्र के माध्यम से हमारे खिलाफ तरह-तरह की बातें फैलायी जाती है। एक झूठ को फैलाते-फैलाते उसे सच बनाने की कोशिश करते हैं। मुझे टिकट नहीं देने की बात करते हैं, जबकि पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा मार्जिन से जीतने वाला सांसद हूं। आप टिकट देंगे या नहीं, इससे फर्क नहीं पड़ता। आज मेरे साथ जनता है।”
बता दें कि 22 सितंबर को आयोजित इस कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी संजय सिंह भी मौजूद रहे।”