महिलाओं के खिलाफ अपराधों को उजागर करने के लिए चलाए जा रहे #MeToo आंदोलन के तहत 6 महिला पत्रकारों के द्वारा यौन उत्पीड़न और दुर्व्यहार के आरोपों से घिरे पूर्व वरिष्ठ संपादक और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के खिलाफ अब सातवीं महिला सामने आई है।
अकबर पर पहली बार महिला ने हमला करने और छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। समाचार पोर्टल ‘द वायर’ पर महिला पत्रकार गजाला वहाब ने अकबर से मिले बुरे अनुभवों के बारे में विस्तार से आपबीती लिखी है।
वहाब वर्तमान में फोर्स मैगजीन की एक्जिक्यूटिव एडिटर हैं। उन्होंने कई ऐसे मौकों का जिक्र किया है जब अकबर ने अपने ऑफिस में कथित तौर पर उन्हें जकड़कर, उनके शरीर से अपना शरीर रगड़ते हुए उन्हें जबरन किस करके छेड़छाड़ की।
वहाब ने बताया है कि जब 1994 से 1997 के बीच ‘द एशियम एज’ अखबार में वह काम कर रही थी तब अकबर उसके संस्थापक-संपादक थे और उन्होंने उन्हें ऑफिस में ऐसी जगह बैठाने के लिए कहा था जहां से वह उन्हें दिखती हों।
वहाब ने लिखा कि जब अकबर अपना वीकली कॉलम लिखने वाले होते थे और उन्हें उनकी केबिन में रखे शब्दकोश की जरूरत होती थी तो वह उसे जाकर उठाने के बजाय उन्हें उन्हें बुला लेते थे।
वहाब लिखती हैं कि डिक्शनरी नीचे रखी होती थी और उसे उठाने के लिए उन्हें अकबर की ओर पीठ करके झुकना होता था या उकड़ूं बैठना पड़ता था। वहाब ने लिखा, ”एकबार 1997 की शरद ऋतु में जब मैं डिक्शनरी की ओर आधी उकड़ूं बैठी थी तो वह चुपके से मेरे पीछे आए और कमर से मुझे पकड़ लिया। अपने पैरों पर खड़े होने के दौरान संघर्ष करते हुए मैं डर के मारे लड़खड़ा गई थी।
उन्होंने अपने हाथों को मेरे सीने से कूल्हों तक दौड़ाया। मैंने उनके हाथों को दूर करने का प्रयास किया लेकिन वे मेरी कमर पर चिपक गए, उनके अंगूठे मेरे ब्रेस्ट के बगल में रगड़ रहे थे।” उन्होंने लिखा कि इस सब के दौरान अकबर के चेहरे से कपटी मुस्कान नहीं गई।
वहाब ने लिखा कि अगले 6 महीनों तक उनका यह अनुभव जारी रहा। उन्होंने लिखा कि हर बार जब अकबर ने उन्हें अपनी केबिन में बुलाया, वह हजार बार मरीं।
उन्होंने लिखा कि वह कमरे में घुसते वक्त दरवाजे को थोड़ा खुला रखती थीं और अपना हाथ नोब पर रखती थीं लेकिन ”अकबर कभी-कभार दरवाजे की तरफ आते थे और अपने हाथ मेरे ऊपर रख देते थे। कभी-कभार वह अपने शरीर को मुझसे रड़ते थे। कभी-कभी वह मेरे सिकुड़े हुए होठों में अपनी जीब घुसेड़ते थे और हर मैं उन्हें धक्का देकर उनके कमरे से भाग जाती थी।”
वहाब ने अपने अवुभव को बुरा सपना बताया है। उन्होंने लिखा कि अकबर उन्हें कामुक मैसेज भेजते थे। उन्होंने लिखा कि जब उन्होंने नौकरी छोड़ने की योजना बनाई तो वह यह सोचकर हैरान थीं, ”अगर उनका विरोध करना जारी रखती हूं तो क्या होगा? क्या वह मेरा बलात्कार करेंगे? क्या वह मुझे नुकसान पहुंचाएंगे? मैंने पुलिस के पास जाने का विचार किया लेकिन डर गई।”