मध्य प्रदेश के इंदौर की राजवाड़ा सीट से भाजपा विधायक ऊषा ठाकुर ने #MeToo कैंपेन को लेकर विवादास्पद बयान दिया है।
विधायक ऊषा ठाकुर ने मीटू कैंपेन पर सवाल उठाते हुए कहा कि महिलाएं तरक्की के लिए शॉर्टकट का रास्ता अपनाती हैं। ये रास्ता भारतीय सभ्यता और संस्कृति के अनुकूल नहीं है।
विधायक ऊषा ठाकुर ने कहा कि महिलाएं निजी स्वार्थों के लिए नैतिक मूल्यों से समझौता करती हैं। समझौता करने के चलते ही महिलाएं समस्याओं में फंसती हैं और जीवन मूल्यों से समझौता कर पाई गई सफलता निरर्थक है।”
बता दें कि मध्य प्रदेश में विधायक ऊषा ठाकुर को कट्टर हिंदुत्व का समर्थक और फायरब्रांड नेता माना जाता है।
वहीं विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर कई महिला पत्रकारों के द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर भी विधायक ऊषा ठाकुर ने टिप्पणी की है।
विधायक ने कहा कि इस्तीफा इस समस्या का हल नहीं है, समाज में गिरते नौतिक मूल्यों को बचाने का प्रयास होना चाहिए।
वैसे बता दें कि सोशल मीडिया पर शुरू हुए मी टू कैंपेन के तहत केंद्रीय राज्य मंत्री एमजे अकबर पर देश की कई महिला पत्रकारों ने छेड़छाड़ व यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं।
आरोप में बताया गया है कि एमजे अकबर ने ऐसा तब किया, जब वे मीडिया में थे। हालांकि, आरोपों के वक्त एमजे अकबर देश से बाहर थे और उनकी किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई थी।
लेकिन देश लौटने के बाद उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद और आधारहीन बताया। साथ ही उन्होंने इस मामले में अब कानूनी कार्रवाई का फैसला किया है।
सोमवार (15 अक्टूबर) को उन्होंने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ अपने वकील कंजरवाला एंड कंपनी के माध्यम से मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
अकबर ने कहा कि इससे मेरी छवि को नुकसान पहुंचा है। साथ ही मानहानि प्रावधान के तहत कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि प्रिया रमानी ने हाल में उनके ऊपर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था।