मध्य प्रदेश में कुछ दिनों पहले दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री का पद छोड़ने वाले कम्प्यूटर बाबा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा से इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने 13 अखाड़ों के 400 साधुओं को साथ लेकर सरकार और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मंगलवार को इंदौर में साधु- संतों के साथ बैठक करने के बाद कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार अधर्मी है।
उन्होंने कहा कि उनके धर्म विरोधी गतिविधियों की वजह से संत समाज पिछले 15 सालों से दु:खी है। साधुओं के साथ कम्प्यूटर बाबा 30 अक्टूबर को ग्वालियर, 4 नवंबर को खंडवा, 11 नवंबर को रीवा और 23 नवंबर को जबलपुर में महासम्मेलन करने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस महासम्मेलन में वह लोगों को बताएंगे कि शिवराज सिंह की सरकार किसी भी हालत में राज्य में अब नहीं चलने वाली है।
उन्होंने कहा कि नर्मदा को बचाने के लिए जो भी साधु-संतों का साथ देगा, वे लोग उसे समर्थन देंगे।
बैठक में साध्वी कविता राजश्री ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को कंस करार दिया और कहा कि खुद को मामा कहने वाले शिवराज के राज में बच्चियों से बलात्कार हो रहे हैं और वो चुप हैं।
साध्वी ने कहा कि जो बच्चों को नहीं बचा सकते वो देश, समाज को कैसे बचाएंगे। सीएम पर हमला बोलेते हुए दूसरे संत स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि व्यापमं घोटाला राज्य का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है, जिसमें हत्याएं भी हुई हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पैसा लेने वाला आज भी खुलेआम घूम रहा है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार अब हमारी नहीं रही।
संत नवीन सरस्वती ने कहा कि शिवराज सिंह को पद का लालच छोड़ देना चाहिए और दूसरों को मौका देना चाहिए।
कम्प्यूटर बाबा ने आरोप लगाया कि सीएम शिवराज सिंह संतों का इस्तेमाल अपनी राजनीति चमकाने के लिए करते आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गौ मंत्रालय पिछले 15 सालों में नहीं बन सका, जबकि इसका वादा किया गया था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गांव-गांव और गली-गली शौचालय तो बनवा दिए मगर मंदिर नहीं बनवाए।
कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि उन्हें सत्ता का लालच नहीं है। अगर नर्मदा को निर्मल और पवित्र बनाने के लिए जान भी देनी पड़ी तो संत समाज पीछे नहीं हटेगा।