सुषमा स्वराज के बाद अब केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी एलान कर दिया है कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी।
भोपाल में ये घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि अब वो राम मंदिर और गंगा के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं। अगले कुछ वक्त तक वो इन्हीं दो मुद्दों पर फोकस करना चाहती हैं।
उमा भारती ने कहा है कि वो राम मंदिर निर्माण के लिए वक्त देना चाहती हैं। उनका लक्ष्य अब मंदिर बनवाने का है।
हालांकि, राजनीति छोड़ने की बात उन्होंने नहीं कही है। उमा के मुताबिक वो राजनीति तो करती रहेंगी लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने की बात से उन्होंने इनकार कर दिया है। उमा भारती, झांसी से सांसद हैं।
उमा भारती का ये बयान एक ऐसे वक्त में आया है जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कानूनी समाधान तलाशने पर माथापच्ची की जा रही है।
आपको बता दें कि 90 के दशक में उमा भारती राम मंदिर आंदोलन का बड़ा चेहरा रह चुकी है। ऐसे में उनके इस बयान के कई मायने निकाले जाना लाजिमी है।
वैसे उमा ने ये भी कहा है कि जब साल 2016 में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से इस बारे में बात की थी कि तो शाह ने उन्हें इस्तीफा देने से मना किया था।
पार्टी ही इस पर फैसला करेगी लेकिन मैं अगले डेढ़ साल राम मंदिर और गंगा के लिए काम करूंगी।
इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी लोकसभा चुनाव न लड़ने का एलान कर चुकी हैं। उन्होंने खराब सेहत का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से इनकार किया था।