हर समाज, जाति और गांव में अलग अलग रीती रिवाज होते हैं जिनके चलते वहां पर ये परंपरा निभाई भी जाती है। कई ऐसे रीती रिवाजों के बारे में आपने सूना होगा।
ये हमारे लिए कई बार अजीब होता है। आज एक और ऐसे ही रिआवज के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। इस पर आपको भी यकीन नहीं होगा।
शादी में शराब लोग पीते हैं लेकिन आपने ये नहीं सुना होगा कि कोई सास अपने दामाद को शराब पिलाती हो। ऐसा होता है छत्तीसगढ के कवर्धा जिले में। आइये बताते हैं इसके बारे में।
दरअसल, छत्तीसगढ़ के कवर्धा में एक अनूठी परंपरा के तहत बैगा-आदिवासियों के विवाह में दूल्हे को दुल्हन की मां शराब पिलाकर रस्म की शुरुआत करती है और इसके बाद पूरा परिवार इसका सेवन करता है।
इतना ही नहीं, दूल्हा और दुल्हन भी एक-दूसरे को शराब पिलाकर इस परंपरा का निभाते करते हैं। इसके बाद पूरे गांव में शादी का जश्न मनाया जाता है।
यही परंपरा आज भी निभाया जाती है और सभी को हैरान भी करती है।
बैगा आदिवासियों का समुदाय इस पूरे मामले में पूरी तरह से अलग है, क्योंकि इस समुदाय में शादी-ब्याह से लेकर मातम में भी शराब का सेवन किया जाता है।
जिले के सुदूर वनांचल में निवासरत बैगा-आदिवासी परिवारों को शादियों का बेसब्री से इंतजार होता है।
इसके अलावा शादी पर्व में बाराती तो शराब पीते ही हैं, साथ ही दूल्हा-दुल्हन को भी शराब का शगुन करना बेहद जरूरी होता है।
बारात जब दुल्हन लेने गांव पहुंचती है तो सबसे पहले शराब का ही शगुन किया जाता है।
इतना ही नहीं, यहां बैगा आदिवासियों की शादी में कोई पंडित नहीं होता और न ही कोई विशेष सजावट होती है।
यहां तक दहेज प्रथा भी पूरी तरह से बंद है। परिवार का मुखिया शादी का खर्च महज 22 रुपये ही लेता है।
वहीं समाज के पंचों को 100 रुपये दिए जाते हैं। शादी का पंडाल भी पेड़ों की पत्तियों से बनाया जाता है।