खंडवा : मध्यप्रदेश में किसानों की कर्ज माफ़ी का सिलसिला शुरू हो गया हैं। सीएम कमलनाथ ने अपने वचन पत्र के मुताबिक मुख्यमंत्री की शपथ लेने के कुछ देर बाद ही सबसे पहले किसानों के ऋण माफी वाली फाइल पर हस्ताक्षर कर ये बता दिया था कि वे किसानों के लिए कितने सवेदनशील हैं। ऐसे में कोई भी सरकारी अफसर इसमें कोताही बरतें तो उसे बड़ी भूल माना जायगा। खंडवा के कुछ सरकारी अफसरों ने बस यही गलती कर दी उन्होंने किसानों की कर्ज माफ़ी वाली लिस्ट पंचायत में नहीं लगाई जिसके चलते खंडवा कलेक्टर ने उन्हें तुरंत सस्पेंड कर दिया। जय किसान ऋण माफी योजना में लापरवाही और सस्पेंड का पुरे प्रदेश में यह पहला मामला हैं।
खंडवा में ‘जय किसान ऋण माफी योजना में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर ने दो अफसरों को निलंबित कर दिया है। इन कर्मचारियों ने हितग्राहियों की लिस्ट पंचायत के दफ़्तर पर नहीं लगायी थी, जिससे किसान परेशान हो रहे थे। मध्य प्रदेश में जय किसान ऋण मुक्ति योजना शुरू होने के अगले ही दिन प्रशासनिक सख़्ती शुरू हो गयी है। खंडवा में कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने काम में लापरवाही बरतने पर सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी विक्रम भालेराव और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को निलंबित किया । इसके अलावा एक अन्य ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार नोडल अधिकारी अभिलाषा तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ये कार्रवाई खंडवा के हापला और बेडियांव गांव में की गई। इन अफसरों ने उन किसानों के नाम की लिस्ट पंचायत दफ़्तर पर नहीं लगाई थी, जिन्हें ‘जय किसान ऋण मुक्ति योजना’ का लाभ मिलना है। मंगलवार को योजना शुरू होते ही किसान पंचायत दफ़्तरों पर पहुंचने लगे।लेकिन वहां जानकारी न मिलने पर वो परेशान हुए और इसकी शिकायत कलेक्टर तक पहुंची। ‘जय किसान ऋण मुक्ति योजना’ के फॉर्म पंचायतों को सौंपे गए हैं और काम पूरा कराने की ज़िम्मेदारी जनपद पंचायतों पर है। लेकिन शुरुआत होते ही काम में लापरवाही की शिकायतें सामने आने लगीं।
किसानों का कर्ज़माफ़ करने की योजना कांग्रेस का चुनावी वादा है। सीएम की कुर्सी संभालते ही कमलनाथ ने सबसे पहले उसी फाइल पर साइन किए थे। योजना की शुरुआत मंगलवार 15 जनवरी से हो चुकी है। पूरे प्रदेश के लिए कुल 80 लाख फॉर्म छपवाए गए हैं। ये 3 रंग के हैं।