नई दिल्ली : रमजान में मतदान के मुद्दे पर चुनाव आयोग ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि किसी भी शुक्रवार या त्योहार के दिन मतदान नहीं हैं।
आयोग ने कहा कि रमजान के पूरे महीने ही चुनाव न हों, ऐसा नहीं हो सकता है। चुनाव आयोग का यह बयान उस मौके पर आया है, जब कई पार्टियां रमजान में मतदान होने के फैसले का विरोध कर रही हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि 2 जून से पहले नई सरकार का गठन होना जरूरी था। ऐसे में इसे और टाला नहीं जा सकता था। साथ ही एक महीने तक चुनाव न हों, ऐसा भी संभव नहीं था। इसलिए आयोग ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि किसी भी शुक्रवार को अथवा किसी फेस्टिवल के दौरान मतदान न हो।
चुनाव आयोग का कहना है कि हमारे पास इन तारीखों को बदलने का अथवा चुनाव के समय को आगे-पीछे करने का विकल्प ही नहीं था।
बता दें कि तीन राज्यों पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में वोटिंग की तारीखें रमजान के महीने में पड़ रही हैं।
ऐसे में मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाया है। इतना ही नहीं, उन्होंने इन तारीखों में बदलाव की मांग की है।
कोलकाता के मेयर और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता फिरहाद हाकिम ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है और हम उसका सम्मान करते हैं। हम चुनाव आयोग के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहते, लेकिन सात फेज में होने वाले चुनाव बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए कठिन होंगे।
उन्होंने आगे कहा कि इन चुनावों में सबसे ज्यादा परेशानी मुस्लिमों को होगी क्योंकि वोटिंग की तारीखें रमजान के महीने में रखी गई हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने भी इस फैसले का विरोध किया है।
ओवैसी बोले कोई दिक्कत नहीं
दूसरी तरफ, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि रमजान के दौरान मतदान से कोई दिक्कत नहीं है।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या रमजान के दौरान मुसलमान काम नहीं करते हैं। ओवैसी ने कहा कि वह रमजान में चुनाव का स्वागत करते हैं।
उन्होंने कहा कि वह रमजान में रोजा भी रहेंगे और वोट डालने भी जाएंगे। AIMIM चीफ ने कहा, ‘रमजान से वोटिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस पर राजनीति न की जाए। यह गैरजरूरी विवाद पैदा किया जा रहा है। आपको रमजान के बारे में क्या मालूम है?’