वाशिंगटन : अमेरिका ने कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार है और ऐसा नहीं किया जाना क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए खतरा होगा।
अमेरिका ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अहम फैसला लिए जाने से पहले यह बयान दिया।
विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अजहर जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और सरगना है और उसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं।
उन्होंने कहा कि जैश कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है और वह क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए खतरा है।
पलाडिनो ने कहा कि अमेरिका और भारत आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम कर रहे हैं।उन्होंने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र में हुई बातचीत पर सीधी टिप्पणी नहीं की।
गौर है कि 50 वर्षीय अजहर ने भारत में कई आतंकवादी हमले कराए हैं और वह संसद, पठानकोट वायुसेना स्टेशन, उरी और जम्मू-कश्मीर में कई अन्य जगह सैन्य शिविरों पर हमले और हाल में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आत्मघाती हमले का साजिशकर्ता है।
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश के हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तीन स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए प्रस्ताव पेश किया था।
इससे पहले सुरक्षा परिषद में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने की कई कोशिशों को पाकिस्तान का मित्र चीन बाधित कर चुका है।
परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में शामिल चीन अब तक यह कहता आया है कि अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
पुलवामा हमले के बाद वैश्विक आक्रोश के मद्देनजर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को उम्मीद है कि इस बार चीन समझदारी से काम लेगा और उनके कदम को बाधित नहीं करेगा। पुलवामा हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है।