नई दिल्ली : बिहार के सिवान में इस बार लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। दरअसल यहां से इस मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब और अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह मैदान में हैं। दोनों डॉन की पत्नियों के बीच होने वाले इस सियासी संग्राम को देखना काफी दिलचस्प होगा क्योंकि दोनों ही डॉन पिछले कई सालों से एक दूसरे के खिलाफ वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि दोनों ही डॉन की पत्नियां चुनावी मैदान में आने से पहले घर संभालती थीं लेकिन अब वह एक दूसरे के सामने चुनावी मैदान में हैं। न्यूज 18 की खबर के अनुसार दोनों ही डॉन की पत्नियां इस बार एक दूसरे के सामने होंगी, लिहाजा सिवान में चुनावी माहौल हिंसक हो सकता है।
सिवान उस वक्त चर्चा में आया था आजादी के बाद देश को पहला राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के रूप में मिला था। राजेंद्र प्रसाद सिवान के रहने वाले थे। 1990 तक इसे कांग्रेस के दिग्गज नेता नटवरलाल के संसदीय क्षेत्र के तौर पर जाना जाता था, लेकिन 1990 के बाद यहां मोहम्मद शहाबुद्दीन यहां के नेता के तौर पर उभरे। लेकिन 2009 में उनके चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी गई थी। जिसके बाद से वह अपनी पत्नी को यहां से मैदान में उतार रहा है। पिछले 30 साल से परोक्ष या अपरोक्ष तौर पर शहाबुद्दी सिवान में अपना मजबूत दखल रखता है। सिवान में उसे उसका विरोधी अजय सिंह उसे चुनौती देता आ रहा है।
वहीं कविता सिंह की बात करें तो राजनीति में उनकी एंट्री काफी दिलचस्प है। दरअसल अजय सिंह के खिलाफ 30 आपराधिक मामले दर्ज हैं, उनपर हत्या, फिरौती से लेकर कई मामले दर्ज हैं। कविता सिंह को पहली बार नीतीश कुमार ने दरौंधा से टिकट दिया था, जोकि उनकी सास जगमातो देवी के निधन के बाद खाली हो गई थी। विधानसभा चुनाव 2011 में कविता ने यहां से जीत दर्ज की थी, जिसके बाद 2015 में वह फिर से जीती थीं। अजय सिंह की मां जगमातो देवी के निधन के बाद जब अजय सिंह ने नीतीश कुमार से सीट की मांग की थी तो नीतीश कुमार ने उन्हें टिकट देने से मना कर दिया था क्योंकि उनपर कई आपराधिक मामले दर्ज थे।
लेकिन नीतीश कुमार ने अजय सिंह को सुझाव दिया कि वह उपचुनाव से पहले शादी कर लें और उनकी पत्नी को टिकट दे दिया जाएगा। नीतीश कुमार के प्रस्ताव के बाद अजय सिंह ने अखबर में विज्ञापन दिया और इसमे लिखा कि उन्हें ऐसी वधु की तलाश है जिसका नाम वोटर लिस्ट में हो, उसके पास वोटर आईडी कार्ड हो, उसकी उम्र कम से कम 25 वर्ष हो। साथ ही उसे वरीयता दी जाएगी जिसका राजनीतिक बैकग्राउंड हो। जिसके बाद 16 लोगों ने इस विज्ञापन का जवाब दिया, जिसमे से कविता सिंह को चुना गया और पितृपक्ष में अजय सिंह ने कविता से शादी की थी। शादी के बाद कविता सिंह को चुनावी मैदान में उतारा गया था। खुद अजय सिंह ने कहा था कि बिहार के राजा ने कहा शादी कर लो तो टिकट देंगे।
बता दें कि शहाबुद्दीन फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है उसपर कई आपराधिक मामले दर्ज है, वह 1990 में विधायक चुना गया था। वहीं अजय सिंह जोकि पहले शहाबुद्दीन की ही गैंग का सदस्य था, लेकिन बाद में उसने अपना अलग गैंग बनाया। उसके खिलाफ हत्या, लूट से लेकर कई मामले दर्ज हैं। एक तरफ जहां शहाबुद्दीन और अजय खुंखार माफिया हैं तो दूसरी तरफ दोनों की पत्नियां घरेलू महिला हैं और चुनावी मैदान में हैं। बहरहाल यह देखना अहम होगा कि दो माफिया डॉन की पत्नियां चुनावी मैदान में एक दूसरे का कैसे सामना करती हैं ।