नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सोमनाथ भारती को घरेलू हिंसा के आरोपों से मुक्त कर दिया। न्यायमूर्ति चंद्र शेखर ने भारती की उस दलील को स्वीकार करने के बाद आपराधिक मामले को खत्म करने की अनुमति दी, जिसमें भारती ने कहा था कि, वे और उनकी पत्नी लिपिका मित्रा एक साथ खुशी से रह रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि, अगर महिला को आपत्ति नहीं है तो उनके उपर लगे आरोपों को खत्म किया जाता है।
भारती ने इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था कि मध्यस्थता के मार्फत से उनके और उनकी पत्नी के बीच वैवाहिक विवाद सुलझ गया है और उन्होंने इस मामले को खारिज किये जाने की मांग की थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। बता दें कि, बीते महीने (अप्रैल 2019) में दिल्ली कोर्ट ने सोमनाथ भारती पर घरेलू हिंसा मामले के आरोप तय किए थे। सोमनाथ भारती पर दहेज प्रताड़ना, धोखाधड़ी और धमकी देने की धाराओं के तहत आरोप दर्ज किए गए थे।
दिल्ली की कोर्ट ने अप्रैल 2019 को भारती के उपर पत्नी की सहमति के बगैर ही गर्भपात कराने, खतरनाक हथियारों से नुकसान पहुंचाने और विश्वासघात करने के अपराधों में भी आरोप लगाए। हालांकि अदालत ने भारती को धारा 307 (हत्या की कोशिश), 315 (बच्चे को जिंदा जन्म लेने से रोकने या जन्म लेने के लिए उपरांत उसे मार देने की मंशा से की गयी हरकत) और 406 (विश्वासघात के लिए सजा) के तहत आरोप मुक्त कर दिया था। बता दें कि, मित्रा ने 10 जून 2015 को दिल्ली महिला आयोग में भारती के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। पुलिस ने भारती द्वारा मित्रा के साथ कथित घरेलू हिंसा करने और उनकी हत्या की कथित कोशिश को लेकर नौ सितंबर, 2015 को प्राथमिकी दर्ज की थी।