नई दिल्ली : कांग्रेस ने मतगणना से पहले कुछ चुनिंदा मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी (वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) पर्चियों की गिनती की विपक्ष की मांग चुनाव आयोग द्वारा खारिज किये जाने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अब ईवीएम बीजेपी के लिए ‘इलेक्ट्रॉनिक विक्ट्री मशीन’ बन गई है।
पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ”मीडिया के जरिये पता चला है कि चुनाव आयोग ने हमारी दो मांगे निरस्त कर दी। पहली मांग की थी कि पर्चियों का मिलान मतगणना से पहले होना चाहिए। इस मांग को खारिज करने का क्या औचित्य हो सकता है? इसका क्या आधार है?”
उन्होंने कहा, ”हमने यह भी कहा था कि पर्चियों के मिलान में कमी पाई जाती है तो पूरे विधानसभा क्षेत्र में 100 फीसदी पर्चियों का मिलान किया जाए। इस मांग को भी नहीं माना गया। इसमें भी आयोग को क्या दिक्कत हो सकती है?”
सिंघवी ने आरोप लगाया, ”अब चुनाव आचार संहिता बन गई है चुनाव प्रचार संहिता। ऐसा लगता है कि ईवीएम बीजेपी की इलेक्ट्रॉनिक विक्ट्री मशीन बना गई है।”
उन्होंने दावा किया, ”यह संवैधानिक संस्था के लिए काला दिन है। अगर सिर्फ एक ही पक्ष लेना है तो फिर संस्था की स्वतंत्रता का क्या मतलब रह जाता है?”
खबरों के मुताबिक चुनाव आयोग ने अपनी बैठक के बाद 22 विपक्षी पार्टियों की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मतगणना से पहले वीवीपीएटी की पर्चियों को गिना जाए।
दरअसल, मंगलवार को देश की 22 प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने चुनाव आयोग के सामने ये मांग रखी थी कि मतगणना से पहले वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती हो और समानता ना होने पर सम्बंधित विधानसभा क्षेत्र के वीवीपीएटी की पर्चियों को गिना जाए।