खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी से खुदरा महंगाई दर मई महीने में बढ़कर 3.05 फीसदी पर रही। यह सात महीने का उच्चतम स्तर है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी संशोधित आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर अप्रैल में 2.99 फीसदी रही। पहले शुरुआती आंकड़ों में इसके 2.92 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया गया था।
मई 2018 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.87 फीसदी पर थी। मई में मुद्रास्फीति का आंकड़ा अक्टूबर 2018 के बाद सबसे ऊंचा है। पिछले अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 3.38 फीसदी थी।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक खाद्य महंगाई दर मई में 1.83 फीसदी रही। यह अप्रैल के 1.1 फीसदी की तुलना में ज्यादा है।
भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की समीक्षा के लिए मुख्यत: खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों पर गौर करता है।
औद्योगिक उत्पादन में अप्रैल महीने में सालाना आधार पर 3.4 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। यह आईआईपी का छह महीने का उच्च स्तर है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक- इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आधार पर पिछले साल अप्रैल महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 4.5 फीसदी थी।
बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक माइनिंग सेक्टर में अप्रैल महीने में 5.1 फीसदी की बढ़त देखी गई जो पिछले साल 2018 के इसी महीने में 3.8 फीसदी रही थी।
इसी तरह, बिजली क्षेत्र में अप्रैल महीने में 6 फीसदी की बढ़त देखी गई जो इससे पिछले साल के इसी महीने में 2.1 फीसदी थी।
हालांकि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में नरमी रही और इसमें गिरावट देखी गई। इससे पहले, अक्टूबर 2018 में औद्योगिक वृद्धि दर सर्वाधिक 8.4 फीसदी थी।