मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उनकी पार्टी सत्ता से (एमपी में) किसी को बेदखल नहीं कर रही है। लेकिन यदि कांग्रेस की अंदरूनी कलह की वजह से सरकार गिर जाती है तो वह कुछ नहीं कर सकते।
चौहान ने यह बात उस वक्त कही, जब उनसे पूछा गया कि क्या बीजेपी अगले विधानसभा चुनाव होने से पहले मध्य प्रदेश में सरकार बनाएगी।
चौहान शनिवार को सदस्यता अभियान के तहत जिला स्तरीय और क्षेत्रीय स्तर के प्रमुखों को संबोधित करने के लिए लखनऊ में मौजूद थे।
उन्होंने कहा, ‘अब, यदि कांग्रेस (सरकार) पार्टी की अंदरूनी कलह से गिर जाती है तो वह कुछ नहीं कर सकते। हम किसी को अपदस्थ नहीं कर रहे हैं लेकिन वहां (एमपी में) जो कुछ चल रहा है, वह अच्छा नहीं है।’
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 15 साल तक सत्ता से बाहर रहने के बाद पिछले साल कांग्रेस की शासन में वापसी हुई, जब विधानसभा चुनाव में उसने बीजेपी को हराया।
एमपी के तीन बार मुख्यमंत्री रहे चौहान ने खुद को ‘एक देश, एक चुनाव’ का प्रबल समर्थक बताते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ होना चाहिए क्योंकि लगातार चुनाव होने से देश का विकास पटरी से उतर जाता है।
दरअसल, राजनीतिक दल अगले चुनावों की तैयारी में चौबीसों घंटे-सातों दिन लगे रहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘ मैं जब मुख्यमंत्री था तभी से इस विचार (एक देश, एक चुनाव) का प्रबल समर्थक हूं। ’यह पूछे जाने पर कि क्या ‘एक देश, एक चुनाव’ छोटी पार्टियों के लिए अस्तित्व का संकट पैदा कर देगा, चौहान ने ओडिशा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां लोकसभा चुनाव-2019 के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हुए। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अधिक वोट मिले जबकि विधानसभा चुनाव में नवीन पटनायक और बीजेडी को लोगों ने जनादेश दिया।
पश्चिम बंगाल में चल रहे घटनाक्रम और वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर टिप्पणी करने के लिए कहे जाने पर चौहान ने कहा, ‘वह अपना मानसिक संतुलन खो चुकी हैं और बहुत गुस्सैल हो गई हैं।’
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच हिंसक झड़प की घटनाएं देखने को मिली हैं।