नई दिल्ली: साल 2019 का दूसरा सूर्यग्रहण आषाण कृष्ण अमावस्या को यानी कि 2 जुलाई को है, यह खग्रास सूर्यग्रहण है जो भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन इस दिन भौमवती अमावस्या होने से यह पर्व बड़ी संख्या में यहां मनाया जाएगा। यह सूर्य ग्रहण पूरे पांच घंटे का होगा जो भारतीय समयानुसार 2 जुलाई की रात लगभग 10 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा, इसके बाद 12 बजकर 53 मिनट पर ग्रहण का मध्य होगा और रात 3 बजकर 21 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के पेरू, ब्राज़ील, अर्जेंटीना, मेक्सिको, एक्वावाडोर, वेनुजुएला आदि देशों में दिखाई देगा, चूंकि ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए यहां सूतक भी नहीं माना जाएगा लेकिन इसका असर ग्रहों पर होगा, पंडितों के मुताबिक जो लोग ग्रहण को मानते हैं उन्हें पूजा-अर्चना करने के बाद गरीबों को दान करना चाहिए और गाय को रोटी खिलानी चाहिए क्योंकि इससे उन्हें सुख और धन-लाभ होगा।
कभी भी सूर्य ग्रहण को सीधे नंगी आंखों से न देखें, इससे आपकी आंखें खराब हो सकती हैं।
हमेशा सूर्य ग्रहणको खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों से देखें।
इन्हें सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस कहा जाता है।
सूर्य ग्रहण देखने के लिए नॉर्मल गॉगल्स या चश्मे से न देखें।
ग्रहण के दिन विशेष तौर पर लोग दान-पुण्य करते हैं जिससे कि साल भर से आ रही उनकी सारी परेशानियों का अंत हो जाये। कई जगहों जैसे काशी और इलाहाबाद में लोग ग्रहण के दिन गंगा जी के किनारे हवन भी करते हैं ताकि पापों का विनाश हो और सुख-शांति घर आए।
जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के मध्य में आता है, तब यह पृथ्वी पर आने वाले सूर्य के प्रकाश को रोकता है और सूर्य में अपनी छाया बनाता है। इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
नासा के अनुसार 2019 में भी तीन सूर्य ग्रहण पड़े हैं, 2019 में पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी को था, दूसरा 2 जुलाई को और तीसरा 26 अगस्त को पड़ेगा।