कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) की गठबंधन सरकार पर संकट के बादल छाते हुए नजर आ रहे हैं।
सरकार के 11 विधायक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से मिलने के लिए पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि आठों अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। यदि ऐसा होता है तो सरकार अल्पमत मे आ जाएगी।
विधायकों में आठ कांग्रेस और तीन जेडीएस के हैं। इन विधायकों में रामलिंगा रेड्डी, एच विश्वनाथ और प्रताप गौड़ा पाटिल भी शामिल हैं।
यह पहली बार नहीं है जब गठबंधन सरकार के अस्थिर होने की खबर आ रही है। इससे पहले भी कई बार इस तरह की कोशिशें की गई हैं।
कांग्रेस विधायक रामलिंगा रेड्डी ने कहा, ‘मैं यहां विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपने के लिए आया हूं। मैं अपनी बेटी (कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी) के बारे में नहीं जानता। वह एक स्वतंत्र महिला है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं पार्टी में किसी के ऊपर या हाई कमान पर कोई आरोप नहीं लगाना चाहता। मुझे लगता है कि कुछ मुद्दों पर कहीं न कहीं मेरी उपेक्षा की जा रही है। इसी कारण मैंने यह फैसला लिया है।’
आठ विधायकों के विधानसभा अध्यक्ष से मिलने के बाद राज्य के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बंगलूरू में एक आपातकालीन बैठक बुलाई है। जिसमें शामिल होने के लिए आज विधायकों और पार्षदों को बुलाया गया है।
कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार ने विधायकों के संभावित इस्तीफे को लेकर कहा, ‘कोई इस्तीफा नहीं देगा। मैं उनसे मिलने के लिए आया हूं।’ उनका यह बयान ऐसे समय पर आय़ा है जब विधायक वीधानसभा अध्यक्ष से मिलने के लिए पहुंचे हैं।
इससे पहले बेल्लारी जिले के विजयनगर से कांग्रेस विधायक आनंद सिंह और रमेश जरकीहोली ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र सौंप दिया था। जिसके बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने बंगलूरू में अपने आवास पर बैठक बुलाई थी।
विधायकों ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अमेरिका में हैं और वह आठ जुलाई को राज्य वापस लौंटेंगे।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा साफ कर चुके हैं कि उन्हें भाजपा नेतृत्व ने ऑपरेशन लोटस में शामिल न होने का निर्देश दिया है क्योंकि उनका मानना है कि गठबंधन सरकार खुद ही गिर जाएगी।