नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर के मसले पर मध्यस्थता का ऑफर दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दावे को भारत ने तत्काल खारिज कर दिया। भारत ने कहा कि अमेरिका से कश्मीर के मसले पर मध्यस्था के लिए कभी नहीं कहा। वहीं, ट्रंप के बयान पर पूर्व विदेश राज्यमंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
शशि थरूर ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप को शायद नहीं पता कि वह क्या कह रहे हैं, शायद वे इस मुद्दे को समझ नहीं पाए या किसी ने उनको इसके बारे में नहीं बताया। शशि थरूर ने कहा कि ये असंभव है कि पीएम मोदी किसी और से इस बारे में बात करेंगे क्योंकि यह हमारी स्पष्ट नीति है कि हम तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं चाहते हैं। अगर हमें इस मसले पर पाकिस्तान से बात करना है, तो हम सीधे तौर पर करेंगे।
डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता वाले दावे को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि, अमेरिकी राष्ट्रपति से पीएम मोदी ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय रूप से चर्चा की जाती रही है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत के लिए पहले उसे सीमा पार आतंकवाद को खत्म करना होगा। शिमला समझौता और लाहौर घोषणा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से सभी मुद्दों को हल करने का आधार प्रदान करते हैं।
दरअसल, व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी के प्रधानमंत्री इमरान खान से अमेरिकी राष्ट्रपति ने मुलाकात की थी, इस दौरान ट्रंप ने चौंकाने वाला दावा किया था और कहा था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कश्मीर मुद्दे पर मदद करने के लिए कहा है। ट्रंप ने कहा था कि मैं इस विवाद को सुलझाने के लिए मदद करने को तैयार हूं और मैं मदद करना चाहूंगा। ट्रंप के इस बयान पर भारत में सियासत गरमा गई है, कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरना शुरू कर दिया है। ट्रंप के इस दावे पर कांग्रेस ने पीएम मोदी से जवाब मांगा है।