लखनऊ: राज्य सरकार विकास कार्याें के लिए धन की कमी नहीं होने देगी। अलग-अलग क्षेत्रों में विकास के जो कार्य प्रारम्भ किये गये हैं, उन्हें तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार जनभावनाओं के अनुरूप विकास कार्याें को कराने तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के प्रथम अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान अपने विचार रखते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य का कुल 4,79,701.10 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया गया था। अब 13,594.87 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया गया है। इस प्रकार, राज्य का कुल बजट 4,93,295.97 करोड़ रुपये यानी लगभग 5 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। राज्य का वित्तीय वर्ष 2019-20 का कुल बजट 5 लाख करोड़ रुपये पार करेगा। यह प्रदेश के लिए अत्यन्त शुभ संकेत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लिए यह वर्ष अत्यन्त महत्वपूर्ण रहा है। वर्ष के प्रारम्भ में विश्व का सबसे बड़ा आयोजन प्रयागराज कुम्भ-2019 का आयोजन राज्य की जनता द्वारा किया गया है। सभी के सहयोग से इस आयोजन ने नई ऊंचाइयां प्राप्त कीं। एक यूनीक इवेंट के रूप में इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के पर्सेप्शन को नया आयाम दिया। प्रधानमंत्री जी के प्रयास से हजारों वर्ष की इस विरासत को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है। यूनेस्को द्वारा कुम्भ को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 के आयोजन में कई नये रिकाॅर्ड बने। पहली बार कुम्भ का ‘लोगो’ जारी हुआ। 72 देशों के राजदूतों ने कुम्भ क्षेत्र में अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराया। संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 देशों में से 187 देशों के प्रतिनिधियों सहित देश के 6 लाख गांव से कुल 24 करोड़ लोग इस आयोजन के सहभागी बने। यह पहला कुम्भ था, जिसमें गन्दगी और दुव्र्यवस्था नहीं थी। आधुनिक तकनीक का उपयोग कर यह आयोजन सफल बनाया गया। कुम्भ के लिए 9 फ्लाई ओवर, 6 अण्डर पास का निर्माण, 264 सड़कों का चैड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण कराया गया। 1,22,500 से अधिक ईको-फ्रेण्डली शौचालय स्थापित किये गये। भारद्वाज आश्रम का सौन्दर्यीकरण एवं भारद्वाज ऋषि की प्रतिमा की स्थापना की गयी। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से अक्षयवट को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोला गया। सुरक्षा, शुचिता और सुव्यवस्था की दृष्टि से प्रयागराज कुम्भ-2019 ने नया आयाम स्थापित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के दौरान ही 21 से 23 जनवरी, 2019 को राज्य में पहली बार प्रवासी भारतीय दिवस का भव्य और दिव्य आयोजन प्राचीन नगरी काशी में हुआ। प्रयागराज कुम्भ-2019 और 15वें प्रवासी भारतीय दिवस जैसे दो बड़े कार्यक्रमों के एक साथ आयोजन से प्रदेश ने दुनिया के सामने अपनी क्षमता स्पष्ट कर दी। 15वें प्रवासी भारतीय दिवस में 76 देशों से लगभग 7,000 भारतवंशियों ने प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि इसके बाद लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा का आम चुनाव सम्पन्न हुआ। प्रदेश में 1,63,000 पोलिंग बूथों पर चुनाव हुआ और एक भी बूथ पर रिपोल नहीं हुआ। इस चुनाव में प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी की कुशलता भी सामने आयी। यह लोकतंत्र की ताकत है प्रदेश की जनता ने क्षेत्रवाद, जातिवाद, मत, मजहब को महत्व न देकर सिद्ध किया कि नेतृत्व ईमानदारी और जनभावनाओं के अनुरूप कार्य करे तो जनता का पूरा समर्थन प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत अनुपूरक बजट भी जनता की ताकत को ही प्रतिबिम्बित कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने हा कि प्रदेश सरकार पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। हमारा लक्ष्य समाज के अन्तिम व्यक्ति के सम्बन्ध में अन्त्योदय की संकल्पना को अमली जामा पहनाना है। यह केवल सरकार द्वारा ही नहीं बल्कि सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों तथा जनता की सहभागिता से सम्भव होगा। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व की सरकार ने विगत 5 वर्षाें में दुनिया में देश की छवि सुधारने के साथ ही नयी कार्य संस्कृति को जन्म दिया है। प्रधानमंत्री जी ने भारत को विश्व में एक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य जनता के सामने रखा है। यह लक्ष्य देश को 5 ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनाने का है। इसके लिए सभी 135 करोड़ देशवासियों का सहयोग आवश्यक है। इसमें उत्तर प्रदेश की भी भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 फरवरी, 2018 को आयोजित इन्वेस्टर्स समिट के शुभारम्भ अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डाॅलर अर्थव्यवस्था बनाने का चैलेंज दिया था। प्रदेश को इस चैलेंज को स्वीकार करना चाहिए। हमारा बजट और अनुपूरक बजट प्रदेश की जनता और भावी पीढ़ी की खुशहाली की दिशा में उठाया गया कदम है। कम से कम समय में एक ट्रिलियन डाॅलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए समेकित प्रयास की आवश्यकता है। यह लक्ष्य कठिन है, लेकिन असम्भव नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक कनेक्टिविटी, मानव संसाधन तथा जल संसाधन आदि हंै। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने ठोस प्रयास किये हैं। इसके फलस्वरूप प्रदेश छोड़कर जा रही सैमसंग और टी0सी0एस0 जैसी कम्पनियों ने राज्य में अपना निवेश बढ़ाया है। यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट 2018 के माध्यम से राज्य में निवेश के लगभग पौने पांच लाख करोड़ रुपये के एम0ओ0यू0 हुए हैं। इनमें से जुलाई, 2018 में 62,000 करोड़ रुपये के एम0ओ0यू0 को जमीन पर उतारा गया है। इसमें से कई कम्पनियों ने उत्पादन भी प्रारम्भ कर दिया है। आगामी 28 जुलाई को दूसरे चरण में 65,000 करोड़ रुपये की नयी परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा। इस कार्यक्रम में देश के गृह मंत्री अमित शाह सहित अनेक प्रतिष्ठित उद्यमी भाग लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वित्तीय अनुशासन का पूरी तरह पालन किया है। राज्य की एफ0आर0बी0एम0 की सीमा 2.97 पर है। विगत दो वर्षाें में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना में 12,81,000 आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें 12,43,000 बनाकर उपलब्ध करा दिये गये हैं। राज्य सरकार ने आपदा पीड़ित परिवारों, थारू, मुसहर, वनटांगिया आदि परिवारों के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना शुरू की है। इस योजना के अन्तर्गत ग्राम्य विकास विभाग द्वारा अब तक 50,000 आवास गरीब परिवारों को उपलब्ध कराये गये हैं। वर्तमान में प्रदेश प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण व शहरी दोनों में देश में पहले स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश ने स्वच्छ भारत मिशन में भी लम्बी छलांग लगायी है। विगत दो वर्षाें में 2,21,62,000 ग्रामीण परिवारों को शौचालय उपलब्ध कराया गया है। शहरी क्षेत्रों में 9,48,356 शौचालय बनाये गये हैं। स्वच्छ भारत मिशन में भी उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। स्वच्छ भारत मिशन नारी गरिमा के सम्मान तथा तमाम प्रकार की जल एवं विषाणु रहित बीमारियों पर नियंत्रण का माध्यम बना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इनसेफेलाइटिस के प्रसार का बड़ा कारण गन्दगी थी। स्वच्छ भारत मिशन के कारण इस रोग पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत 1,31,00,000 से अधिक रसोई गैस कनेक्शन वितरित किये गये हैं। व्यक्तिगत शौचालय तथा रसोई गैस की उपलब्धता से महिलाओं के जीवन में व्यापक सुधार हुआ है। राज्य में आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 1,18,00,000 परिवार पात्र हैं। इस योजना की पात्रता में न आने वाले गरीब परिवारों के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना प्रारम्भ की गयी है। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे का कोई भी परिवार इन योजनाओं से वंचित नहीं रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दो वर्षाें में 1,21,000 मजरों का विद्युतीकरण किया गया है तथा 1,08,00,000 परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिया गया है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत गांव के मुख्य मजरे का विद्युतीकरण करके गांव को संतृप्त मान लिया जाता था, जबकि दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना और सौभाग्य योजना के तहत गांव के सभी मजरों का विद्युतीकरण किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 2 वर्ष 4 महीने के राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान किसान द्वारा कोई आन्दोलन नहीं किया गया, क्योंकि प्रदेश सरकार किसानों के कल्याण के लिए निरन्तर प्रयासरत है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है। विगत दो वर्ष में गन्ना किसानों को 70,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है तथा विभिन्न चीनी मिलों को चलाने का कार्य भी हुआ है। गन्ने से सीधे एथेनाॅल बनाने की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का देश में सबसे बड़े एथेनाॅल का आपूर्तिकर्ता के रूप में चयन हुआ है। खाण्डसारी उद्योग के लिए बन्द कर दिये गये लाइसेंस को वर्तमान राज्य सरकार ने पुनः शुरू किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने फर्जी पाये गये 36,00,000 राशन कार्डाें को निरस्त कर पात्र व्यक्तियों को नये सिरे से राशन कार्ड वितरित किये हैं। अन्त्योदय राशन कार्डाें पर 2 रुपये किलो गेहूं और 3 रुपये किलो चावल दिया जा रहा है। राशन वितरण के लिए सभी राशन की दुकानों पर ई-पाॅस मशीनें लगायी गयी हैं। कुछ जनपदों में किसी भी दुकान से राशन ले सकने की व्यवस्था की गयी है। इसी प्रकार, सीमित तौर पर ऐसे अन्त्योदय परिवार जो राशन लेने नहीं जा सकते, उन्हें घर पर ही राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है। ई-पाॅस मशीनों के उपयोग से 657 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 7,95,443 स्ट्रीट लाइट्स को एल0ई0डी0 लाइट से बदला गया है। इससे प्रतिवर्ष 280 मिलियन यूनिट बिजली की बचत हो रही है। साथ ही, 300 करोड़ रुपये की भी बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पात्र व्यक्तियों को पेंशन योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए अभियान चलाकर पेंशन उपलब्ध करायी है। वर्तमान में 40,71,158 वृद्धजन, 21,69,000 निराश्रित महिलाओं तथा 9,84,709 दिव्यांगजन को पेंशन उपलब्ध करायी जा रही है। वृद्धावस्था पेंशन की धनराशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये, दिव्यांगजन पेंशन को 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये किया गया है। साथ ही, निराश्रित महिलाओं की पेंशन पात्रता हेतु आयु सीमा को समाप्त कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 68,000 से अधिक कन्याओं का विवाह सम्पन्न कराया गया है। इस हेतु दी जाने वाली धनराशि को 30,000 रुपये से बढ़ाकर 51,000 रुपये किया गया है। श्रम विभाग द्वारा भी 10,316 कन्याओं का विवाह 55,000 रुपये की धनराशि देकर सम्पन्न कराया गया है। समाज कल्याण विभाग द्वारा 38,729 कन्याओं का विवाह सम्पन्न कराया गया है। विगत दो वर्षों में विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। अन्य पिछड़ा वर्ग की पूर्वदशम छात्रवृत्ति 5,19,596 से बढ़कर 7,58,520 तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति 13,64,070 से बढ़कर 18,78,452 हो गयी है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में यह संख्या और भी अधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए सिंचाई सुविधा अत्यन्त आवश्यक है। सिंचाई में आधुनिक तकनीकी यथा स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई से सिंचन क्षमता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बाणसागर, पथरई, गुंटा, मोधा, पहुंच, लहचोरा आदि सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कराकर 2,16,666 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित की गयी है। सरयू नहर, मध्य गंगा नहर आदि परियोजनाओं को पूर्ण कर 10,30,312 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित की जा रही है। इससे 18,00,000 से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के सत्ता में आने के पश्चात प्रदेश में कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ी है। पूर्व में यहां 03 हवाई अड्डे कार्यशील थे। वर्तमान में 06 हवाई अड्डे संचालित हो रहे हैं। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा कानपुर, आगरा और प्रयागराज हवाई अड्डों को कार्यशील किया गया है। पूर्व में राज्य की 25 शहरों के साथ कनेक्टिविटी थी, जो वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में यह कनेक्टिविटी बढ़कर 55 शहरों के साथ हो गयी है। इसके अलावा, राज्य में 11 नये हवाई अड्डे निर्माणाधीन हैं। जेवर में बन रहे नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का काम तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास में राज्य कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य कर्मचारियों के लिए वर्ष 2004 में नयी पेंशन स्कीम लागू की गयी, किन्तु 2004 से 2017 तक कर्मचारियों के नयी पेंशन स्कीम के खाते खोलने और उसमें राज्य सरकार का अंशदान जमा करने पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। वर्तमान राज्य सरकार ने कर्मचारी हितों को ध्यान में रखकर पेंशन खाते में राज्य सरकार के अंशदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया है। उत्तर प्रदेश कर्मचारियों के पेंशन खाते में 14 प्रतिशत अंशदान करने वाला पहला राज्य है। इससे राज्य सरकार पर 10,000 करोड़ रुपये का व्यय भार पड़ा है। इसके अलावा, वर्तमान सरकार ने आंगनबाड़ी, आशावर्कर, ग्राम प्रहरी, रसोइया, होमगार्ड, पी0आर0डी0 जवान के मानदेय में भी वृद्धि की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। बलरामपुर में के0जी0एम0यू0 का सेटेलाइट सेण्टर स्थापित किया जा रहा है, जिसे कालान्तर में मेडिकल काॅलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। जनपद सहारनपुर और जनपद आजमगढ़ में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि के चयन की कार्यवाही गतिमान है। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षाें में 51 नये महाविद्यालयों की स्थापना की स्वीकृति दी गयी है। इसी प्रकार, 193 इण्टर काॅलेज, एक हाईस्कूल, 21 नवीन पाॅलीटेक्निक स्थापित किये जा रहे हैं। 64 नये आई0टी0आई0 स्थापित किये गये हैं। इनमें से 45 संचालित भी हो गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए बड़ी संख्या में सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया गया है। 14 नये मेडिकल काॅलेजों की स्थापना के लिए प्रथम अनुपूरक बजट में धनराशि की प्रतीकात्मक व्यवस्था की गयी है। इन मेडिकल काॅलेजों की स्थापना का प्रस्ताव भी केन्द्र सरकार को प्रेषित कर दिया गया है। वर्ष 2017 से अब तक 13 मेडिकल काॅलेज स्थापित किये गये हैं। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोएडा तथा राजकीय मेडिकल काॅलेज, बदायूं में प्रवेश प्रक्रिया भी प्रारम्भ हो गयी है। वर्ष 2019-20 में मेडिकल काॅलेजों में 1,010 सीटों की वृद्धि हो रही है। एम्स गोरखपुर और रायबरेली में इस सत्र से 50-50 विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के मेडिकल काॅलेजों में शिक्षित होने वाले विद्यार्थियों से एक बाॅण्ड भराया जाएगा, जिसके तहत उन्हें राज्य के दूरस्थ स्थानों में कुछ समय तक सेवाएं देनी होंगी।
मुख्यमंत्र ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में निर्यात में बड़ी वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-17 में निर्यात 3.77 प्रतिशत था, जो वर्तमान में बढ़कर 28.18 प्रतिशत हो गया है। राज्य के निर्यात में एक वर्ष में 25,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश के अन्दर निर्यात करने वाले राज्यों में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि राज्य में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में निवेश में बड़ी वृद्धि हुई है। व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास में प्रदेश को उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल हुई है। वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक कुल 5,63,007 प्रशिक्षित युवाओं में से 1,71,036 युवाओं का प्लेसमेन्ट कराया गया है। रोजगारपरकता की दृृष्टि से ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना प्रभावी साबित हुई है। इस योजना का शुभारम्भ महामहिम राष्ट्रपति जी ने किया था। इस अवसर पर 4 हजार 95 लाभार्थियों को एक हजार करोड़ रूपये से अधिक का ऋण उपलब्ध करवाया गया। इसके बाद मुरादाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा और मेरठ में ओ0डी0ओ0पी0 की समिट आयोजित की गयी। इसके माध्यम से कुल 01 लाख 91 हजार 191 लाभार्थियों को 18,344.87 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया और दस लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया गया। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सवा दो लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियां प्राप्त हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016-17 में प्रदेश का राजस्व 85,966 करोड़ रुपये था, जो वर्तमान में बढ़कर 1,20,227 करोड़ रुपये का हो गया है। राजस्व की दृष्टि से सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गयी है। एस0जी0एस0टी0 में प्रदेश ने अच्छी उपलब्धि हासिल की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं। आध्यात्मिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, भौगोलिक और प्राकृतिक सभी क्षेत्रों में पर्यटन सम्भावनाओं से उत्तर प्रदेश समृद्ध है। प्रयागराज कुम्भ-2019 इसका प्रभावी उदाहरण है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ के सौन्दर्यीकरण का अभिनव कार्यक्रम संचालित हो रहा है। काशी आज अपने पुरातन काया को कायम रखते हुए आधुनिक रूप में सामने आ रही है। ब्रज और मथुरा के पारम्परिक और सांस्कृतिक विकास के लिए विकास बोर्ड का गठन किया गया है। राज्य सरकार अयोध्या, विन्ध्यवासिनी धाम, चित्रकूट, नैमिषारण्य, शुकतीर्थ आदि के विकास के लिए भी विकास बोर्ड का गठन करेगी।
‘मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना‘ की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस योजना के तहत सभी विधान सभा क्षेत्रों में किसी पर्यटन स्थल का सौन्दर्यीकरण और विकास कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में कोरिया गणराज्य की प्रथम महिला सम्मिलित हुई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि इस बार भी कोई देश दीपोत्सव कार्यक्रम के साथ जुड़े। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार बरसाना के रंगोत्सव, काशी की देव दीपावली तथा कुम्भ आदि आयोजनों के साथ विभिन्न देशों को जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इनमें प्रदेश के 10 शहर चयनित हुए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में कुल 17 नगर निगम हैं। राज्य सरकार स्मार्ट सिटी परियोजना से छूटे 7 नगर निगमों में विभिन्न नागरिक सुविधाओं, इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, सीवरेज, जल निकासी आदि व्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए काम कर रही है। इसके लिए अनुपूरक बजट में प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय बजट में ‘हर घर नल’ के शुभारम्भ की योजना है। इसके तहत, पाइप पेयजल के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जानी है। शुद्ध पेयजल आपूर्ति से आधी बीमारियां स्वतः दूर हो सकती हैं। राज्य सरकार बुन्देलखण्ड और विंध्य क्षेत्र में पाइप पेयजल के माध्यम से जलापूर्ति के लिए पहले से ही कार्ययोजना बनाकर कार्य कर रही है। इस सम्बन्ध में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री के साथ बैठक हो चुकी है। योजना के तहत पहले चरण में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में, द्वितीय चरण में जनपद मिर्जापुर एवं जनपद सोनभद्र, तृतीय चरण में प्रदेश के आर्सेनिक और फ्लोराइड से प्रभावित क्षेत्रों तथा चैथे और अन्तिम चरण में इनसेफेलाइटिस से प्रभावित क्षेत्रों में पाइप पेयजल के माध्यम से जलापूर्ति की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आगामी अगस्त माह से ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ का शुभारम्भ करने जा रही है। यह योजना कन्या भ्रूण हत्या की समस्या पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। इसके तहत बालिका के जन्म से 12वीं कक्षा में प्रवेश तक अलग-अलग चरणों में उसे 15,000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। बालिका के जन्म पर एक निश्चित धनराशि दी जाएगी। बालिका के एक वर्ष के होने पर सम्पूर्ण टीकाकरण का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये जाने पर पुनः एक निश्चित धनराशि दी जाएगी। इसी प्रकार, बालिका की पहली कक्षा, छठी कक्षा, 9वीं कक्षा तथा 12वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर निश्चित धनराशि दी जाएगी। उन्होंने सभी सदस्यों से इस कार्यक्रम के साथ जुड़कर इसे सफल बनाने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए निरन्तर कार्य किया है। 7,948 किमी0 ग्रामीण सड़कों को पूर्ण किया गया है। इसी प्रकार, बड़ी संख्या में ब्लाॅक, तहसील और जनपदों को जोड़ने वाले मार्गाें का चैड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण किया गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बड़ी संख्या में सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए अभियान चलाकर कार्य किया गया है। हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट के मेधावी छात्र-छात्राओं के गांवों के मार्गाें को गौरव पथ के रूप में विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का कार्य तेज गति से चल रहा है। अगस्त, 2020 तक इसके मुख्य मार्ग को यात्रा के लिए खोल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके दोनों ओर डिफेंस काॅरिडोर का विकास किया जाएगा। पश्चिम और मध्यांचल को जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे के सर्वे की अनुमति दी गयी है। इसके लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था भी की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ कर राज्य का एक नया पर्सेप्शन दिया है। प्रयागराज कुम्भ-2019, 15वें प्रवासी भारतीय दिवस तथा लोक सभा आम चुनाव का शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न होना इसका प्रमाण है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 9,549 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 6,214 दुर्दांत अपराधी हैं। 1,384 अपराधी पुलिस कार्रवाई में घायल हुए हैं तथा 90 दुर्दांत पुरस्कार घोषित तथा समाज की सुरक्षा को खतरा बने अपराधी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये हैं। 16,165 अभियुक्तों ने अपनी जमानत निरस्त कराकर आत्मसमर्पण कर दिया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अपराधों में उल्लेखनीय कमी देखने को मिली है।
राज्य सरकार पुलिस बल को सुदृढ़ करने के लिए कार्यवाही कर रही है। पी0ए0सी0 की समाप्त कर दी गयी बटालियन का पुनर्गठन किया जा रहा है। राज्य आपदा मोचन बल के गठन की प्रक्रिया पूरी हो गयी है। पहले चरण में तीन कम्पनियों का गठन किया गया है। दूसरे चरण में भी तीन कम्पनियां गठित की जा रही हैं। हापुड़, सम्भल, अमेठी और शामली जनपदों में महिला थाने नहीं थे। इनमें एक-एक महिला थाने की स्थापना की गयी है। 07 जनपदों में पुलिस लाइन की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। वाराणसी में आर0ए0एफ0 की नयी वाहिनी की स्थापना की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है।
ड्यूटी के दौरान कोमा में जाने वाले पुलिसकर्मियों को असाधारण पेंशन की व्यवस्था में संशोधन किया गया है। साथ ही, ड्यूटी के दौरान मृत पुलिसकर्मियों के आश्रितों की अनुग्रह राशि को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये तथा माता-पिता को दी जाने वाली धनराशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये किया गया है। डायल 100 के रिस्पाॅन्स टाइम को 34 मिनट से घटाकर 12.12 मिनट किया गया है। राज्य पुलिस के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए एक आयोग का गठन किया गया है। दण्ड संहिता की धारा में आवश्यक संशोधन करते हुए अग्रिम जमानत के प्राविधान को प्रदेश में भी लागू किया गया है।
@शाश्वत तिवारी