नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुप्पी तोड़ते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को एकतरफा फैसले के चलते टुकड़ों में बांटा गया है, यह संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ेगा।
राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘जम्मू-कश्मीर को एकतरफा फैसले में टुकड़ों में बांटना, जन प्रतिनिधियों के जेल भेजना और संविधान का उल्लंघन करना राष्ट्रीय एकीकरण नहीं हो जाता है। देश लोगों से बनता है, जमीन के भूखंडों से नहीं। शक्ति के इस गलत इस्तेमाल से राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा।’
राहुल गांधी का बयान ऐसे समय पर आया है जब लोकसभा में सरकार के फैसले को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विपक्ष के बीच गहमा-गहमी जोरों पर है। संसद के इस निचले सदन में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर चर्चा की मांग करते हुए गृह मंत्री अमित शाह को विपक्ष के कड़े तेवर का सामना करना पड़ रहा है। बाद में अन्य कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी ने भी सरकार की मंशा पर कई सवाल उठाए जिसका गृह मंत्री ने भी जोरदार जवाब दिया।
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा सरकार पर आरोप लगाया कि रातोंरात नियम-कानून का उल्लंघन करके जम्मू-कश्मीर को तोड़ा गया है। उन्होंने कहा, ’22 फरवरी, 1994 में इस सदन में जम्मू-कश्मीर को लेकर एक संकल्प लिया गया था। लेकिन, आप पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बारे में सोच रहे हैं, ऐसा नहीं लगता है। आपने रातों-रात नियम-कानूनों का उल्लंघन करके एक स्टेट को दो टुकड़े करके संघशासित प्रदेश बना दिए।’
इस पर शाह ने स्पष्ट करने को कहा कि कौन सा नियम-कानून तोड़ा गया। उन्होंने कहा, ‘देश की सबसे बड़ी पंचायत में इस तरह जनरल बातें नहीं होनी चाहिए। कौन सा नियम तोड़ा, यह बताया जाए, मैं उसका उत्तर दूंगा।’ फिर कांग्रेस सासंद ने कहा कि ‘आपने कहा कि कश्मीर आंतरिक मामला है, लेकिन 1948 से संयुक्त राष्ट्र की नजर यहां पर बनी हुई है।’ अधीर के इस बयान को बीच में काटते हुए गृह मंत्री ने कहा पूछा कि क्या कांग्रेस का यह स्टैंड है कि यूनाइटेड नेशन कश्मीर को मॉनिटर कर सकता है? इस पर कांग्रेस सांसद फिर से बैकफुट पर आ गए और कहा कि वह सिर्फ स्पष्टीकरण चाहते हैं। वह सिर्फ जानना चाहते हैं कि स्थिति क्या है?
लोकसभा में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के संविधान का क्या होगा? क्या सरकार उस संविधान को खारिज करने के लिए भी विधेयक लेकर आएगी। सरकार ने संवैधानिक पहलुओं पर विचार ही नहीं किया।’ उन्होंने आगे कहा, ‘आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बनने से पहले, आंध्र प्रदेश की विधानसभा के साथ राय मशविरा किया गया था और यह चीज इस सदन के रेकॉर्ड में है। यूपीए की सरकार ने कोई असंवैधानिक काम नहीं किया था।’
मनीष तिवारी ने कहा,’संविधान की धारा तीन के जो प्रावधान थे, उन प्रावधानों के अनुसार आंध्र प्रदेश की विधानसभा और विधान परिषद से राय मशविरा करके आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बनाया गया था। आज संवैधानिक त्रासदी है। जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग करके, वहां राष्ट्रपति शासन लगाकर, उस जम्मू कश्मीर विधानसभा के अख्तियार खुद लेकर यह संसद अपने आप में राय मशविरा कर जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने जा रही है।’
बता दें कि अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस नेता आपस में बंटे हुए नजर आए। कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी से अलग राय रखते हुए सरकार के पुनर्गठन विधेयक का समर्थन किया है। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जर्नादन द्विवेदी, मिलिंद देवड़ा, दीपेंदर हुड्डा और रायबरेली से विधायक अदिति सिंह शामिल हैं। राहुल गांधी ने सोमवार को अनुच्छेद 370 के बारे में कोई बयान नहीं दिया। आखिरकार मंगलवार दोपहर को उन्होंने इस मुद्दे पर राय रखते हुए पुनर्गठन बिल का विरोध किया है।