23.1 C
Indore
Friday, November 22, 2024

छोटे मुंह से बड़ी बड़ी बातें ?

बुज़र्गों से एक कहावत बचपन से ही सुनते आ रहे हैं कि “पहले तोलो फिर बोलो”। इस कहावत का अर्थ यह है कि किसी व्यक्ति को अपना मुंह खोलने से पहले कई बार यह सोच लेना चाहिए कि उसके द्वारा बोले गए वचन कितने सत्य,सार्थक,अर्थपूर्ण व तार्किक हैं। बोलने वाले व्यक्ति को यह भी सोचना चाहिए की कोई व्यक्ति जिसके विषय में कुछ कहने या बोलने जा रहा है उसका व्यक्तित्व किस स्तर का है तथा उसके बारे में बोलने वाले व्यक्ति का अपना व्यक्तिगत स्तर क्या है ? इन्हीं शिक्षाओं व कहावतों के आसपास घूमते कई मुहावरे भी बनाए गए। जैसे कि यदि कोई साधारण या तुच्छ सा व्यक्ति किसी महापुरुष की तारीफ़ों के पुल बांधने लगे तो उस स्थिति को कहा जाता है “सूरज को चिराग़ दिखाना” ।और ठीक इसके विपरीत यदि कोई साधारण या अदना सा शख़्स किसी महान व्यक्ति की निंदा या आलोचना करे तो उस अवसर की कहावत है “आसमान पर थूकना”। इसी की लगभग पर्यायवाची कही जा सकने वाली एक दूसरी कहावत है “छोटा मुंह-बड़ी बात”। इसका अर्थ भी वही है कि इंसान को अपनी हैसियत व औक़ात देख कर ही अपना मुंह खोलना चाहिए। गोया हमारे बुज़ुर्गों द्वारा मुहावरों व कहावतों के माध्यम से आम लोगों को शिक्षित करने का काम प्राचीन समय से होता आ रहा है।सवाल यह है कि क्या इन कहावतों का कोई असर भी समाज पर होता है या यह महज़ हिंदी पाठ्यक्रमों में शामिल किताबी बातें ही बनकर रह गयी हैं।साधारण व आम लोगों की तो बात ही क्या करनी, संवैधानिक पदों पर बैठे व रह चुके तथाकथित विशिष्ट लोगों द्वारा अपनी हैसियत व औक़ात से कहीं लम्बी ज़ुबानें चलाई जाने लगी हैं।

उदाहरण के तौर पर महात्मा गाँधी के व्यक्तित्व को ही ले लें। पूरा विश्व निर्विवादित रूप से महात्मा गाँधी को एक आदर्श पुरुष के रूप में मानता है। विश्व के अनेक महान नेता गाँधी जी को अपने लिए प्रेरणा स्रोत मानते हैं। विश्व को सत्य व अहिंसा का सन्देश देने वाले नेता के रूप में विश्व उन्हें याद करता है। दुनिया के अनेक देशों में गाँधी को सम्मान देने हेतु उनकी प्रतिमाएं लगाई गयी हैं। परन्तु उस महान आत्मा की हमारे देश की ज़हरीली विचारधारा ने न केवल हत्या कर दी बल्कि आज अपराधी अनपढ़ व अज्ञानी क़िस्म के लोगों द्वारा न केवल गाँधी जी को बुरा भला कहा जाता है बल्कि उनके हत्यारे का महिमामंडन भी किया जाता है। गोडसे के जन्मदिवस को देश में कुछ जगहों पर शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।गाँधी के बजाए यह शक्तियां गोडसे जयंती मनाती हैं। मेरठ में महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर 2016 को हत्यारे गोडसे की मूर्ति का अनावरण किया गया. अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के लोगों द्वारा यहाँ गांधी दिवस को ‘धिक्कार दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इतना ही नहीं बल्कि यह गोडसे प्रेमी शक्तियां मेरठ का नाम बदलकर गोडसे के नाम पर रखने की कोशिश भी करती रहती हैं। इसी तरह हिन्दू महासभा के गोडसे प्रेमी लोग 2017 में ग्वालियर में गोडसे के लिए मंदिर बनाना चाह रहे थे। परन्तु प्रशासन की चौकसी के चलते गाँधी के इस हत्यारे को महिमामंडित करने का दुष्प्रयास सफल नहीं हो सका।

हमारे बीच ऐसे तत्व भी हैं जो गांधी की हत्या को फिर से जीना चाहते हैं. हत्या की सनक को राष्ट्रभक्ति में बदल देना चाहते हैं.गत वर्ष अलीगढ़ में ऐसे ही एक छोटे से समूह ने गाँधी जी की हत्या को नाटक के रूप में पेश कर उनके पुतले पर गोली चलाई और गाँधी की हत्या व उनके रक्त परवाह का मंचन किया फिर मिठाइयां बांटीं। राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले को राष्ट्रभक्त व देशभक्त बताया जाता है। ऐसा कहने वालों के ट्रैक रिकार्ड देखिये,उनकी शिक्षाओं,योग्यताओं व देश के प्रति उनकी सेवाओं नज़र डालिये तो या तो ऐसे लोगों ने सारी उम्र साम्प्रदायिकता का ज़हर बोया है या अपराधी पृष्ठभूमि रही है अथवा धर्म का चोला पहन कर कथा प्रवचन देकर अपना जीविकोपार्जन करते रहे हैं।ऐसे लोगों के लिए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज का कहना है कि ‘जो गोडसे को राष्ट्रभक्त बताता है, वह हिंदू ही नहीं है’। जो लोग महात्मा गाँधी के सामने एक कण जैसी हैसियत भी नहीं रखते वे लोग गाँधी जी को गलियां देने उनकी निंदा व आलोचना करते नज़र आ जाते हैं। ऐसे लोगों को न तो गाँधी जी के दर्शन का कोई ज्ञान है न ही उनमें गाँधी जी की सोच को हासिल करने या उसका अध्यन करने की सलाहियत है। फिर भी राजनीति के वर्तमान दौर में गाँधी को राष्ट्रविरोधी और गोडसे को राष्ट्रभक्त बताने की दक्षिणपंथी नेताओं में होड़ सी लगी हुई है।

गाँधी जी की ही तरह देश के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के पीछे भी यही गाँधी विरोधी विचारधारा हाथ धोकर पड़ी हुई है। पंडित नेहरू को राष्ट्र के विकास के प्रथम शिल्पकार के रूप में जाना जाता है। देश की स्वतंत्रता के बाद देश को स्वावलंबी बनाने,देश के सामाजिक ताने बने को जोड़ कर रखने,तथा अनेक धर्म,जाति,भाषा व संस्कृति के इस बहुरंगी देश को एकजुट रखने का ज़िम्मा पंडित नेहरू व उनके परम सहयोगी तत्कालीन गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल पर था। परन्तु बड़ी सोची समझी साज़िश के तहत नेहरू-पटेल मतभेद की कहानियां गढ़ी जाती हैं। नेहरू व पटेल की तुलना कर सरदार पटेल को बड़ा व नेहरू को छोटा करने की कोशिश की जाती है। जबकि इतिहास गवाह है कि स्वयं सरदार पटेल, नेहरू को अपना नेता भी मानते थे और वे नेहरू को ही देश का प्रथम प्रधानमंत्री देखना चाहते थे।परन्तु नेहरू के वैचारिक विरोधी जो नेहरू व गाँधी जी की धर्मनिरपेक्ष नीतियों से न ही कल सहमत थे न आज सहमत हैं, वही शक्तियां नेहरू-पटेल मतभेद के मनगढंत क़िस्से परोसती रहती हैं।

इन्हीं कोशिशों के नतीजे में गुजरात में नर्मदा नदी के बांध पर सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा स्थापित कराई गई। ऐसा कर निश्चित रूप से यही सन्देश दिया गया कि देश में सबसे ऊँचे क़द के नेता महात्मा गाँधी और पंडित नेहरू नहीं बल्कि सरदार पटेल थे। गोया पटेल तो गाँधी और नेहरू को अपने से बड़ा व योग्य नेता मानते थे परन्तु गाँधी व नेहरू से वैचारिक विरोध रखने वाले लोग सरदार पटेल को ही सबसे महान नेता मानते हैं। ऐसी निम्नतरीय सोच रखने वाले राजनीतिज्ञों को गाँधी-नेहरू-पटेल जैसे राष्ट्र के महान नेताओं की विशाल ह्रदयता उनकी निःस्वार्थ सोच,उनकी क़ुर्बानियों,सादगी तथा उच्च विचारों से सीख भी लेनी चाहिए तथा उनकी तुलना में अपने संकीर्ण,सीमित,विभाजनकारी व विद्वेष पूर्ण विचारों का अवलोकन कर बड़ी ईमानदारी से यह महसूस करना चाहिए कि ऐसे नेता गाँधी-नेहरू-पटेलसे अपनी तुलना कराने योग्य हैं भी या नहीं।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो कश्मीर मसले पर अपना ज्ञान बांटते हुए पंडित जवाहर लाल नेहरू को ‘अपराधी’ तक कह डाला। कहना ग़लत नहीं होगा कि शिवराज सिंह चौहान उसी राजनैतिक दल के नेता हैं जिसमें वह प्रज्ञा ठाकुर उन्हीं के गृह राज्य सेसांसद है जिसने मुंबई हमलों में शहीद हेमंत करकरे के लिए कहा था कि “करकरे मेरे श्राप देने की वजह से मारा गया”।जो प्रज्ञा मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी है तथा कई वर्षों तक जेल में रहकर अब भी ज़मानत पर है और गोडसे जैसे महात्मा गाँधी के हत्यारे को राष्ट्रभक्त बताकर उसका महिमामंडन करती रही हैं। चौहान की पार्टी में ही आज का सबसे बहुचर्चित बलात्कारी व हत्यारा कुलदीप सिंह सेंगर रहा है। ऐसी पार्टी के नेता जब आधुनिक भारत के शिल्पकार पंडित नेहरू को ‘अपराधी’ बताएंगे तो निश्चित रूप से जवाब वही आएगा जो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह ने दिया।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘चौहान जवाहरलाल नेहरू के पैरों की धूल भी नहीं हैं. ऐसे बयान देते समय उन्हें शर्म आनी चाहिए’। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी चौहान की बदकलामी की निंदा करते हुए कहा कि ‘‘देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें आधुनिक भारत का निर्माता, कहा जाता है..जिन्होंने आज़ादी के लिए संघर्ष किया, जिनके किए गए कार्य व देशहित में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उनको मृत्यु के 55 वर्ष पश्चात आज उन्हें ‘अपराधी’ कह कर संबोधित करना बेहद आपत्तिजनक व निंदनीय है.’। आजकल बरसाती मेंढक की तरह तमाम ऐसे नेता व छुटभैय्ये मिल जाएंगे जो महात्मा गाँधी व पंडित नेहरू की निम्नस्तरीय शब्दों में आलोचना करते दिखाई देंगे। यह उनके संस्कार व उनकी शिक्षाओं का असर ज़रूर हो सकता है फिर भी किसी को भी ‘छोटे मुंह से बड़ी बड़ी बातें’ हरगिज़ नहीं करनी चाहिए।

:-तनवीर जाफ़री

Tanveer Jafri ( columnist),
098962-19228

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...