मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर का बुधवार सुबह भोपाल के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनकी उम्र 89 वर्ष थी।
डॉक्टरों ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।वह वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और वे पिछले 14 दिनों से अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।
मध्यप्रदेश सरकार ने गौर के निधन के बाद राज्य में तीन दिवसीय शोक की घोषणा की है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता गौर 2004-2005 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और अपनी परंपरागत गोविंदपुरा विधानसभा सीट से 10 बार चुनाव जीत थे। गौर का जन्म दो जून 1930 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हुआ था।
बाबूलाल गौर 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वे 1946 में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़ गए थे।
गौर आपात काल के दौरान 19 माह की जेल भी काट चुके हैं। 1974 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा बाबूलाल गौर को गोवा मुक्ति आन्दोलन में शामिल होने के कारण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का सम्मान प्रदान किया गया था। वे शिवराज सिंह चौहान की सरकार में कैबिनट मंत्री भी रहे।
गौर पहली बार 1974 में भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में जनता समर्थित उम्मीदवार के रूप में निर्दलीय विधायक चुने गए थे।
पूर्व सीएम गौर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया। उन्होंने लिखा कि बाबूलाल गौर जी का लम्बा राजनीतिक जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित था। जनसंघ के समय से ही उन्होंने पार्टी को मज़बूत और लोकप्रिय बनाने के लिए मेहनत की।
मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में मध्यप्रदेश के विकास के लिए किए गए उनके कार्य हमेशा याद रखे जाएंगे। बाबूलाल गौर जी के निधन से गहरा दुःख हुआ। ईश्वर शोक संतप्त परिवार को दुःख की इस घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे। ओम शान्ति!
मध्यप्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल गौर के निधन के बाद राज्य में तीन दिवसीय शोक की घोषणा की। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।