ISRO चीफ के. सिवन ने डीडी न्यूज से विशेष बातचीत में स्पष्ट कहा है कि लैंडर से दोबारा संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है। निश्चित तौर पर 135 करोड़ भारतीयों में छाई मायूसी के बीच इस तरह की कोशिश एक नई उम्मीद को जगा रही है। इसरो के वैज्ञानिक अब भी मिशन के काम में डटे हुए हैं।
चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद की सतह को छूने से ठीक पहले जमीनी स्टेशन से संपर्क भले ही टूट गया हो पर उम्मीदें अभी कायम हैं। जी हां, इसरो के वैज्ञानिक अब भी हिम्मत नहीं हारे हैं और उनका हौसला बुलंद है।
ISRO चीफ के. सिवन ने डीडी न्यूज से विशेष बातचीत में स्पष्ट कहा है कि लैंडर से दोबारा संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है। निश्चित तौर पर 135 करोड़ भारतीयों में छाई मायूसी के बीच इस तरह की कोशिश एक नई उम्मीद को जगा रही है। इसरो के वैज्ञानिक अब भी मिशन के काम में डटे हुए हैं।
आपको बता दें कि भारत के चंद्रयान-2 मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब चंद्रमा के सतह से महज 2 किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया। ISRO ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि विक्रम लैंडर उतर रहा था और लक्ष्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका काम सामान्य था। उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया। आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।
डीडी न्यूज से खास बातचीत में इसरो प्रमुख के. सिवन ने बताया कि लैंडर विक्रम से दोबारा संपर्क बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन 95 फीसदी सफल रहा है। उन्होंने कहा है कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर 7.5 साल तक काम कर सकता है। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि गगनयान समेत इसरो के सारे मिशन तय समय पर पूरे होंगे।