मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने दावा किया है कि विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण को लेकर पीएम मोदी ने उनसे कोई बात नहीं की है।
इसी महीने रूस के दौरे पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी। बता दें कि जाकिर नाइक कट्टरपंथियों को भड़काने और मनीलॉन्ड्रिंग के मामले में वांटेड अपराधी है।
महातिर मोहम्मद ने कहा, ”कोई देश उसे नहीं लेना चाहता है। मैंने पीएम मोदी से मुलाकात की लेकिन उन्होंने उसके प्रत्यर्पण को लेकर कुछ नहीं कहा। हो सकता है कि ये शख्स भारत के लिए भी दिक्कतें पैदा कर सकता है।”
स्थानीय मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने ये भी कहा नाइक ने कानून तोड़ा है और उसे बोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा, ”जाकिर नाइक इस देश का नागरिक नहीं है। उसे पिछली सरकार ने यहां रहने की इजाजत दी थी। ऐसे में उसे इस देश की राजनीति और सिस्टम पर बोलने की इजाजत नहीं है। जाकिर ने ऐसा कर के कानून तोड़ा है और अब उसे बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
बता दें कि इसी महीने रूस के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात की थी।
इस दौरान उन्होंने जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया था। दोनों नेताओं के मुलाकात के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा था कि पीएम मोदी ने जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया और साथ ही दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि ये मुद्दा दोनों देशों के लिए काफी अहम है। लिहाजा दोनों देश के अधिकारी इस मसले पर एक दूसरे के सम्पर्क में रहेंगे।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आतंकी हमले के बाद एक जुलाई, 2016 को नाइक देश से बाहर चला गया था। बांग्लादेश ने दावा किया था कि हमले में शामिल आतंकवादी नाइक के भाषणों से प्रेरित था।
इसके बाद नाइक भारत से मलेशिया चला गया। मलेशिया मुस्लिम देश है। वहां के कई बड़े मुस्लिम धार्मिक संगठनों के अलावा शीर्ष नेताओं से जाकिर के रिश्ते काफी बढ़िया बताए जाते हैं।
पिछले महीने ज़ाकिर नाइक ने मलेशिया में भी विवादित बयान दिया था। नाइक ने कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों की तुलना में ‘सौ गुना’ ज्यादा अधिकार हासिल हैं। इसके बाद वहां काफी हंगामा मचा था।