वॉशिंगटन: अमेरिका ने गुरुवार को भारत से अपील की है कि वह जम्मू कश्मीर में जारी प्रतिबंधों में कमी करे। इसके अलावा यह मांग भी की गई है कि जिन लोगों को हिरासत में रखा गया है, उन्हें भी रिहा किया जाए। पांच अगस्त को भारत ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाकर इसे मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया। भारत की तरफ से सावधानी के तहत कुछ प्रतिबंधों को लगाया गया और बड़े नेताओं समेत कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया। अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से मीडिया से बातचीत करते समय कश्मीर का जिक्र विदेश विभाग के प्रवक्ता की ओर से किया गया
अमेरिकी विदेश विभाग में साउथ एशिया मामलों की प्रवक्ता एश्ले वेल्स ने रिपोर्ट्स से कहा, ‘प्रतिबंधों को खत्म करने और हिरासत में रखे गए लोगों को रिहा करने के मसले में उम्मीद है कि तेज एक्शन देखने को मिलेगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मध्यस्थता को तैयार हैं, अगर दोनों पक्ष (भारत-पाकिस्तान) तैयार हों तो। ट्रंप की तरफ से पहले भी मध्यस्थता की पेशकश की जा चुकी है लेकिन भारत ने इसे सिरे से नकार दिया था। टेलीस ने कहा, ‘अमेरिका इस बात को लेकर चिंतित है कि बड़े पैमानों पर लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है जिसमें राजनेता और बिजनेस लीडर्स दोनों शामिल हैं और साथ ही राज्य के लोगों को प्रतिबंध झेलना पड़ा रहा है।’ उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि भारत की सरकार स्थानीय राजनेताओं के साथ बातचीत को आगे बढ़ाएगी और साथ ही चुनाव भी कराए जाएंगे। आर्टिकल 370 खत्म होने के अलावा भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था
कश्मीर में जारी प्रतिबंधों पर पिछले दिनों विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलकर भारत सरकार का पक्ष रखा है। एक चर्चा के दौरान जयशंकर ने कहा कि पांच अगस्त से पहले जम्मू कश्मीर बहुत बुरी स्थिति में था। न्यूयॉर्क में जयशंकर ने कहा कि राज्य में कई प्रतिबंधों को खत्म कर दिया गया है। लैंडलाइन्स और कुछ जगहों पर मोबाइल टावर्स काम कर रहे हैं और आर्थिक गतिविधियां बहाल हो गई हैं। उन्होंने आगे कहा प्रतिबंधों को इसलिए लागू करना पड़ा था ताकि जिंदगियों को बचाया जा सके। जयशंकर ने कहा कि कश्मीर में मुश्किलें पांच अगस्त से शुरू नहीं हुई हैं। उन्होंने बताया, ‘साल2016 में जब एक स्वघोषित आतंकी बुरहान वानी को मारा गया तो उसके बाद हिंसा में तेजी आ गई। आर्टिकल 370 को हटाने के बाद हमारी कोशिश और सोच हालातों को नियंत्रित करना था