चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि बाकी सिखों की तरह वह भी श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में नतमस्तक होने के लिए सोचकर बहुत खुश हैं। यह हमारी अरदास का हमेशा ही हिस्सा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनको पाकिस्तान की मंशा पर अब भी शक है और कॉरिडोर खोलना आईएसआई का गहन एजेंडा हो सकता है।
इसका उद्देश्य जनमत-संग्रह 2020 के लिए सिख भाईचारे को प्रभावित करना है, जिसे सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के अंतर्गत बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पूरी तरह सक्रिय और चौकस हैं।
उन्होंने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत करने के खिलाफ भारत सरकार को चेतावनी दी। क्योंकि हाल ही में पंजाब में आईएसआई की सरगर्मियां विशेष तौर पर नोट की गई हैं, जिनके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने यह विचार प्रकट किए हैं।
कैप्टन ने करतारपुर कॉरिडोर का सियासीकरण करने की तीखी आलोचना की, जो सिख पंथ के महान संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी की विचारधारा के विरुद्ध है और जिनका 550वां प्रकाश पर्व मना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समूचे मुद्दों का संकुचित राजनीतिक हितों के मद्देनजर सियासीकरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवसर पर राजनीति को एक तरफ रख देना चाहिए और यह महान समारोह आयोजित करने का काम राज्य सरकार पर छोड़ देना चाहिए, जिस तरह पिछले मौकों के दौरान ऐसी प्रथा चलती रही है।