नई दिल्ली: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक हुई। मुस्लिम धर्मगुरु और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता भी बैठक में मौजूद रहे। इस बैठक में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन और फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली भी उपस्थित थे।
Delhi: Bharatiya Janata Party (BJP) leader Shahnawaz Hussain and filmmaker Muzaffar Ali also present at the meeting. https://t.co/26k1IdkPkY
— ANI (@ANI) November 5, 2019
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक के बाद शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जावेद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा हम सभी को उसका सम्मान करना चाहिए। हम सभी से अपील करेंगे कि शांति बनाए रखें।
अखिल भारतीय सूफी सज्जादनशीं परिषद के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हर कोई इस बात पर एकमत था कि सभी धर्मों के लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। हम सभी दरगाहों को दिशा-निर्देश देंगे कि वो लोगों से अपील करें कि अफवाहों और झूठी खबरों पर विश्वास न करें।
Syed Naseruddin Chishty, Chairman All India Sufi Sajjadanashin Council: Everyone was of the unanimous view that people of all religions should respect the SC judgement. We will give guidelines to all dargahs to appeal to people not to believe rumours and fake news. pic.twitter.com/anEnLgCflI
— ANI (@ANI) November 5, 2019
अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाले अगले सात कार्यदिवसों के भीतर आ सकता है। कारण कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में उनके कार्यकाल के बस सात कार्यदिवस ही शेष हैं। साफ है कि सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इन्हीं दिनों में फैसला सुना सकती है।
उधर, केंद्र सरकार ने इस फैसले के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय शस्त्र पुलिस बल के करीब चार हजार जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है। यह पुलिस बल 18 नवंबर तक राज्य में तैनात रहेगा। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते सोमवार को ही इस संबंध में फैसला लिया है।
जिसमें मंत्रालय ने तुरंत प्रभाव से पैरामिलिट्री फोर्स की पंद्रह कंपनियों को भेजने की मंजूरी दी। मंत्रालय के आदेश के मुताबिक पैरा मिलिट्री फोर्स की 15 कंपनियों के अलावा बीएसएफ, आरएएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की तीन-तीन कंपनियां भेजने को भी मंजूरी दी गई है।