मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य सरकार के मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। देवेंद्र फडणवीस शुक्रवार शाम को मुंबई राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले और इस्तीफा सौंपा। उनके साथ मंत्रिमंडल के उनके साथियों ने भी इस्तीफा दे दिया है। महाराष्ट्र की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल कल (9 नवंबर) को खत्म हो रहा है। इस्तीफे के बाद फडणवीस ने शिवसेना के साथ खींचतान पर भी बात की।
राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद फडणवीस ने कहा कि जनता ने मौका दिया और हमने पांच साल काम किया। इसचुनाव में भी एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला है और भाजपा सबसे बड़ा दल है, इसके लिए महाराष्ट्र की जनता का शुक्रिया।
शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर चल रही खींचतान पर फडणवीस ने कहा, जनता ने गठबंधन को वोट दिया और हम साथ में सरकार बनाने के पक्ष में थे। उद्धव ठाकरे भी सभी संभावनाएं खुली रखने की बात कही थी लेकिन नतीजों के बाद उन्होंने मुझसे बात तक नहीं की। उन्होंने मेरा फोन तक नहीं उठाया। साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने एक बार दोहराया कि शिवसेना के साथ ढाई-ढाई साल सीएम पद को लेकर कोई बात नहीं हुई थी।
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो रहा है लेकिन बीजेपी और शिवसेना गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें होने के बावजूद सत्ता-बंटवारे को लेकर आपस ठनी हुई है। ऐसे में नई सरकार बनने को लेकर अभी कुच भी साफ नहीं है। शिवसेना ढाई साल के लिए सीएम का पद चाहती है और भाजपा तैयार नहीं है, इसी को लेकर रस्साकशी चल रही है।
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे। इसके नतीजे 24 अक्टूबर को आए हैं। बीजेपी के 105 और शिवसेना के 56 विधायक जीते हैं। कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटों पर जीत मिली है। बहुमत के लिए यहां 145 सीटों की जरूरत है, ऐसे में साफ है कि कोई एक पार्टी अकेले सरकार नहीं बना सकती है। भाजपा-शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा है और दोनों दलों की सीटें भी बहुमत के आंकड़े से ज्यादा हैं लेकिन नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर अड़ी हुई है, वहीं भाजपा इस पर तैयार नहीं है। इसी को लेकर नई सरकार का रास्ता साफ नहीं हो पा रहा है।