नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने थोड़ी नर्मी जरूर दिखाई, लेकिन छात्र अब भी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।
सोमवार दोपहर करीब 12 बजे छात्रसंघ के सदस्य और भारी संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं प्रशासन द्वारा फीस बढ़ाए जाने के फैसले को पूरी तरह वापस लेने की मांग करते हुए संसद तक मार्च करने के लिए निकले। इसी के मद्देनजर आज सुबह से ही जेएनयू परिसर के बाहर भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती नजर आई। वहीं संसद भवन के आसपास के इलाकों में सुरक्षा की दृष्टि से धारा 144 लागू कर दी गई है।
वहीं एचआरडी मंत्रालय ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है जो जेएनयू की सामान्य कार्यप्रणाली को बहाल करने के तरीकों की सिफारिश करेगी। जेएनयू के लिए बनाई गई एचआरडी समिति छात्रों और प्रशासन से बातचीत करेगी और सभी समस्याओं के समाधान को लेकर सिफारिश सौंपेगी।
Delhi: Security deployed outside Jawaharlal Nehru University (JNU); Jawaharlal Nehru University Students’ Union to march to Parliament today demanding complete roll back of fee hike pic.twitter.com/n9ESBZ5HtZ
— ANI (@ANI) November 18, 2019
दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने विरोध और हड़ताल पर उतरे छात्रों को सख्त चेतावनी दी है। विवि का कहना है कि यदि विद्यार्थी हड़ताल से वापस नहीं लौटे तो उनका दाखिला रद्द कर दिया जाएगा।
रविवार को विवि प्रबंधन ने इस संबंध में एक सर्कुलर भी जारी किया। इसमें विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों से वापस अपनी कक्षाओं में जाकर पढ़ाई करने की अपील की गई थी।
सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि विवि शैक्षणिक कार्यक्रम के तहत आगामी 12 दिसंबर से परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। ऐसे में छात्रों के पास परीक्षाओं की तैयारियां करने के लिए कुछ ही समय बचा है।
इसके अलावा एमफिल और पीएचडी के शोध आदि जमा करने और उसे मूल्यांकन शाखा को भेजने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर निर्धारित है। विवि ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इस अवधि को लेकर छात्रों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी।