नई दिल्लीः इस साल आर्थिक विकास दर में सुस्ती सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के लिए भारी पड़ सकती है। आईटी क्षेत्र के दिग्गज टी वी मोहनदास पई ने सोमवार को कहा कि इस साल आईटी कंपनियां मध्यम स्तर के 30 हजार से 40 हजार कर्मचारियों की छंटनी कर सकती हैं। हालांकि इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ ने इस छंटनी को उद्योग के परिपक्व होने के साथ हर पांच साल में एक बार होने वाली सामान्य घटना करार दिया है।
पई ने कहा, ‘जैसा कि पश्चिम में हर सेक्टर में होता है, वैसे ही भारत में भी जब सेक्टर परिपक्व होने की स्थिति में मध्यम स्तर पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ जाती है, जो मिलने वाले वेतन की तुलना में उतना मूल्य कंपनी में नहीं जोड़ पाते हैं।’
उन्होंने कहा कि जब कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हों तो प्रोन्नतियां ठीक होती हैं, लेकिन जब सुस्ती हो और मोटा वेतन लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ जाए तो कंपनियां छंटनी के लिए मजबूर हो जाती हैं। आरिन कैपिटल एंड मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन सर्विसेस के चेयरमैन पई ने कहा, ‘ऐसा एक बार फिर होने जा रहा है और हर पांच साल में बार-बार होता है।’
उन्होंने कहा, ‘जब तक अच्छा प्रदर्शन हो तब तक कोई भी मोटा वेतन और अच्छे वेतन वाली नौकरी का पात्र नहीं होता है। आपको कंपनी को मूल्य चुकाना ही पड़ता है।’ छंटनी के आंकड़े के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘एक साल के दौरान सेक्टर में यह संख्या 30 हजार से 40 हजार के बीच हो सकती है।’ हालांकि उन्होंने कहा कि नौकरी गंवाने वाले 80 फीसदी वाले लोगों को उद्योग में रोजगार के अवसर भी मिल जाएंगे।