नई दिल्लीः चंद्रयान 2 की लांचिंग के वक्त हादसे का शिकार हुए विक्रम लैंडर के मलबे को आखिर ढूंढ निकाला गया है। करीब तीन महीने बाद विक्रम लैंडर का मलबा चांद की सतह पर मिला है। इसे ढूंढने में सबसे बड़ी भूमिका चेन्नई के एक इंजीनियर ने निभाई है।
पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर शनमुग सुब्रमण्यम ने नासा की तस्वीरों का इस्तेमाल करते हुए विक्रम लैंडर के मलबे को ढूंढ निकालने में अहम भूमिका निभाई। बता दें कि चंद्रमा की सतह से टकराने के बाद से विक्रम लैंडर का संपर्क इसरो से टूट गया था।
अपनी इस खास उपलब्धि पर शनमुग ने कहा कि मुझे चांद की सतह पर कुछ अलग सा दिखा, मुझे लगा कि ये विक्रम लैंडर का मलबा ही होगा। फिर आज नासा ने भी इसकी पुष्टि कर दी।
उन्होंने कहा, मैंने 4-5 दिन तक रोजाना 7-8 घंटे इसमें लगाए। सही जानकारी के साथ इसे कोई भी कर सकता था। इससे कई लोग प्रेरित होंगे।
Shanmuga Subramanian, an amateur astronomer from Chennai: I spent 7-8 hours each day for 4-5 days on this. This is something that can be done by anyone with right knowledge. This should inspire a lot of people. https://t.co/E44mUEAiid
— ANI (@ANI) December 3, 2019
बता दें कि शनमुग सुब्रमण्यम एक मैकेनिकल इंजीनियर और कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं जो लेनोक्स इंडिया टेक्नोलॉजी सेंटर चेन्नई में काम करते हैं। मदुरई के रहने वाले शनमुग सुब्रमण्यम इससे पहले कॉग्निजेंट में प्रोग्राम एनालिस्ट के तौर पर भी काम कर चुके हैं।