उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को गुरुवार अल सुबह छह युवकों ने पेट्रोल डालकर जला दिया।
पिता की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां पीड़िता की हालत गंभीर देख कानपुर हैलट रेफर कर किया गया। कानपुर के बाद अब पीड़िता को लखनऊ रेफर कर दिया गया है।
पीड़िता ने बयान दिया है कि गुरुवार भोर पहर चार बजे वह रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी।
गौरा मोड़ पर गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, किशोर शुभम, शिवम, उमेश ने घेर लिया और सिर पर डंडे से और गले पर चाकू से वार किया। वह चक्कर आने से गिरी तो पेट्रोल डालकर आग लगा दी। शोर मचाने पर भीड़ को आता देख वह भाग निकले।
पीड़िता ने बताया कि पूर्व में आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। उधर, घटना की जानकारी मिलने पर डीएम देवेंद्र पांडे, एसपी विक्रांत वीर समेत कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। पीड़िता की हालत गंभीर देख कानपुर हैलट रेफर कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि हमलावरों में तीन युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उधर, घटना के बाद पूरे जिले में हड़कंप मचा गया है।
उन्नाव में हैदराबाद जैसी घटना से हड़कंप मच गया। आईजी रेंज एसके भगत पीड़िता के गांव पहुंचने वाले हैं। जानकारी के अनुसार दुष्कर्म पीड़िता रायबरेली मामले की पेशी के लिए जा रही थी।
एसपी विक्रांत वीर ने बताया कि घटना के तत्काल बाद पीड़िता के बयान के आधार पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी दो आरोपियों की तलाश के लिए चार टीमें बनाई गई हैं।
पीड़िता लखनऊ में सिविल अस्पताल के बर्न यूनिट में भर्ती है। पीड़िता को देखने एडीजी जोन एसएन सावंत सिविल अस्पताल पहुंचे।
निदेशक डॉ. डीएस नेगी का कहना है कि पीड़िता 90 प्रतिशत जल चुकी है। इलाज के लिए अपनी पूरी टीम लगा रखी है। पीड़िता सुबह सवा दस बजे सिविल अस्पताल पहुंची थी।
सिविल अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. प्रदीप तिवारी पीड़िता का इलाज कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारीगण मौके पर मौजूद हैं।
घटना की गहन तफ्तीश की जा रही है। इस घटना से जुड़े कुछ और तथ्य भी मिले हैं, जिनकी पुलिस जांच कर रही है।