नई दिल्ली: इंटरनेट पर पॉर्न कॉन्टेंट को बैन करना सरकार के लिए चुनौती बन गया है। पिछले साल अक्टूबर में भारत सरकार ने Pornhub समेत 857 पॉर्न साइट्स को बैन कर दिया था। यूजर्स को सरकार का यह फैसला खास पसंद नहीं आया था। हालांकि, यूजर्स ने इसका तोड़ ढूंढ लिया और VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के जरिए पॉर्न वेबसाइट यूज करने के मामले में 400% की बढ़ोतरी हो गई।
हाइकोर्ट के आदेश को मानते हुए सरकार ने 857 पॉर्न वेबसाइट्स को यह कहते हुए बैन किया था कि उनके कॉन्टेंट अनैतिक और अश्लील हैं। इसके बाद डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन्स ने देश के प्रमुख इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को पत्र लिखकर इन वेबसाइट्स के ऐक्सेस को बंद करने का निर्देश दिया था। पत्र में कहा गया था कि पॉर्न वेबसाइट्स के कॉन्टेंट संविधान के आर्टिकल 19(2) के अनुसार अनैतिक और अश्लील हैं।
बैन के लागू होने के बाद रिलायंस जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया समेत दूसरे टेलिकॉम ऑपरेटर्स के यूजर्स के लिए इन पॉर्न वेबसाइट्स का ऐक्सेस बंद कर दिया गया। दूसरी तरफ यूजर्स ने न सिर्फ सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर इसकी आलोचना की बल्कि उन्होंने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क्स (VPNs), प्रॉक्सी और दूसरे टूल्स के जरिए बैन वेबसाइट्स को ऐक्सेस करना शुरू कर दिया।
मोबाइल में वीपीएन ऐप्स को डाउनलोड कर बैन की गई पॉर्न वेबसाइट्स को ऐक्सेस करने के मामले में 405% का इजाफा हुआ है। इसके बाद वीपीएन के जरिए पॉर्न वेबसाइट को ऐक्से करने वालों की संख्या देश में 57 मिलियन (5 करोड़ 70 लाख) तक पहुंच गई। ये आंकड़े लंदन की एक वीपीएन रिव्यू फर्म Top10VPN ने जारी किए हैं। आंकड़ों अक्टूबर 2018 से अक्टूबर 2019 के बीच गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से डाउनलोड किए गए वीपीएन मोबाइल ऐप पर आधारित हैं।
रिसर्च फर्म ने कहा कि बैन लागू होने के तुरंत बाद ही वीपीएन सर्च में अचानक से तेजी देखी गई। अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2018 के बीच मोबाइल वीपीएन डाउनलोड का औसत बढ़कर प्रतिमाह 66% हो गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ज्यादातर वीपीएन सर्विस फ्री हैं। ये यूजर्स के डेटा को बेच कर पैसे कमाती हैं। देश में 1 करोड़ 10 लाख यूजर फ्री टर्बो वीपीएन का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, 70 लाख यूजर सोलो वीपीएन और हॉटस्पॉट शील्ड फ्री को पसंद करते हैं। पेड सर्विस की बात करें तो इसमें 1 करोड़ 80 लाख यूजर्स के साथ एक्सप्रेस वीपीएन टॉप पर रहा।