सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने बड़ा बयान दिया है। हैदराबाद एनकाउंटर के बाद उनका बयान काफी अहम हो जाता है।
सीजेआई बोबडे ने कहा, ”बदले की भावना से किया गया न्याय कभी इंसाफ नहीं हो सकता। न्याय बदले के रूप में नहीं होना चाहिए। मेरा मानना है कि न्याय जैसे ही बदला बनेगा, वह अपना स्वरूप छोड़ देगा।”
बता दें कि हैदराबाद में शुक्रवार तड़के एक एनकाउंटर में पुलिस ने रेप के चार आरोपियों को ढेर कर दिया था।
पुलिस का दावा है कि जब वह आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर सीन को रीक्रिएट करने पहुंची थी, उसी समय इन आरोपियों ने भागने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद गोलीबारी में चारों की मौत हो गई।
जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की नई इमारत के उद्घाटन समारोह में जस्टिस एसए बोबडे ने कहा, “मैं नहीं समझता हूं कि न्याय कभी भी जल्दबाजी में किया जाना चाहिए। मैं समझता हूं कि अगर न्याय बदले की भावना से किया जाए तो ये अपना मूल स्वरूप खो देता है”। उन्होंने कहा कि न्याय को कभी भी बदले का रूप नहीं लेना चाहिए।
सीजेआई बोबडे ने कहा, देश में हाल की घटनाओं ने एक बार फिर से पुरानी बहस छेड़ दी है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपराधिक मामलों को निपटाने में लगने वाले समय को लेकर आपराधिक न्याय प्रणाली को अपनी स्थिति और दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करना चाहिए। लेकिन, मुझे नहीं लगता कि न्याय तुरंत हो सकता है या होना चाहिए। न्याय कभी भी बदले की जगह नहीं ले सकता।
बता दें कि ऐडवोकेट जीएस मणि और प्रदीप कुमार यादव ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
याचिका में कहा गया है कि एनकाउंटर में शामिल पुलिकर्मियों के खिलाफ एफआईआर की जानी चाहिए और जांच करके कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मामले में कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा।