नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आज बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को बिल को देशहित में बताया और निर्देश दिया कि नागरिकता बिल को लेकर सांसद अपने स्तर पर जागरूकता फैलाएं। बिल लोकसभा से पास हो चुका है और राज्यसभा से भी इसके पास होने की उम्मीद जताई जा रही है।
पीएम ने बिल को लेकर दिया निर्देश, विपक्ष पर निशाना संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों को नागरिकता विधेयक को लेकर निर्देश दिया। मीटिंग में प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बिल पर कुछ विपक्षी दल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। बीजेपी सांसदों को प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिया कि वह जनता तक यह संदेश पहुंचाए कि बिल पूरी तरह से देशहित में है। इससे पड़ोसी मुल्क के पीड़ित अल्पसंख्यकों को न्याय मिलेगा। यह एक ऐतिहासिक कानून साबित होगा।
लोकसभा से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल को अब राज्यसभा का रास्ता पार करना है। मोदी सरकार के पास शिवसेना के विरोध के बाद भी राज्यसभा में आज पेश किए जाने वाले बिल पर पास कराने लायक आंकड़े लग रहे हैं। सदन की कुल संख्या 245 है, लेकिन अभी पांच सीटें खाली हैं। इस लिहाज से वर्तमान संख्या 240 है। बीजेपी को बिल पास कराने के लिए 121 सांसदों का समर्थन चाहिए। राज्यसभा में 83 सदस्यों वाली बीजेपी को जेडीयू (6), एलजेपी (1), एसएडी (3), आरपीआई (1) जैसे गठबंधन दलों के अलावा एआईएडीएमके (11), बीजेडी (7), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (2) जैसे बाहरी दलों का भी समर्थन हासिल है। 11 मनोनीत सदस्यों का समर्थन भी बीजेपी के साथ होने का दावा किया जा रहा है।
विपक्षी दलों ने प्रस्तावित विधेयक के कई पहलुओं पर मोदी सरकार को घेरने की व्यापक योजना बनाई है। जेडीयू ने थोड़ी हिचक के बाद इस बिल पर सरकार का समर्थन करने की घोषणा कर दी, लेकिन शिवसेना को लेकर ऐसा लग रहा है कि वह या तो सदन से वॉकआउट करेगी या फिर उसके खिलाफ मतदान करेगी। जेडीयू नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि उनकी पार्टी लोकसभा वाले अपने रुख पर कायम है। शिवसेना का कहना है कि विधेयक को लेकर उनका सुझाव नहीं माना गया है, इसलिए वह विधेयक का विरोध करेगी। जेडीयू के राज्यसभा में छह और शिवसेना के तीन सदस्य है।