नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 1984 सिख दंगों के पीड़ितों के लिए जस्टिस ढींगरा कमिटी की सिपारिशें स्वीकार करने की बात सुप्रीम कोर्ट में कही है। केंद्र ने कहा कि दिल्ली पुलिस की भूमिका पर कमिटी की रिपोर्ट को हम स्वीकार करते हैं और इसके अनुसार कार्रवाई भी करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमिटी मैनेजमेंट से जुड़े एसजीएस काहलोन को इससे संबंधित सुझावव और रिपोर्ट एसआईटी को सौंपने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों की जांच के लिए तीन सदस्यों की विशेष जांच दल (SIT) का गठन 2018 में किया था। इस जांच दल के प्रमुख जस्टिस (रिटायर्ड) एसएन ढींगरा को बनाया गया था। कमिटी को सिख विरोधी दंगों से जुड़े 186 मामलों की जांच करनी थी। अक्टूबर 2019 में कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख गार्ड ने हत्या कर दी थी। इसके बाद दिल्ली में सिखों के खिलाफ हिंसा शुरू हो गई। दिल्ली से शुरू होकर दंगे देश के कई हिस्सों में फैल गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दंगों में दिल्ली में ही 2733 लोगों की जान गई थी। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि असली आंकड़ा इससे बहुत अधिक था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी पाया। दंगा भड़काने और साजिश रचने के आरोपी सज्जन को दिसंबर 2018 में हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने हालांकि सज्जन को हत्या के आरोप से बरी कर दिया।